जिम्मेदारी निभाने की बजाय स्प्रिट और अल्कोहल का फर्क समझा रही एक्साइज की अफसरशाही
जालंधर में बीते 10 दिन में दो बार ठेकेदारों की सूचना पर ही नाजायज शराब पकड़ी गई। उसमें से भी एक बार तो शराब की पेटियां कम कर दी गई।
जालंधर, जेएनएन। अगर बीते जुलाई माह में जालंधर रूरल पुलिस की तरफ से पकड़ी गई स्प्रिट को लेकर एक्साइज विभाग की जालंधर रेंज ने गंभीरता दिखाई होती तो शायद जहरीली शराब के सेवन से 100 से ज्यादा लोगों की जान न जाती। जिला अमृतसर और तरनतारन एक्साइज जालंधर रेंज में ही शामिल है।
जालंधर रूरल पुलिस के तत्कालीन एसएसपी नवजोत सिंह महल ने स्प्रिट के साथ पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ की थी और इस दौरान एक्साइज विभाग के अधिकारियों को भी उपस्थित रखा गया था, लेकिन उस मामले में जितनी भी कार्रवाई हुई वह मात्र पुलिस की तरफ से ही की गई। एक्साइज विभाग की समूची रेंज हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। जिन दो लोगों को जालंधर पुलिस की तरफ से आरोपित बनाया गया था। उनमें से ही एक का नाम अब तरनतारन में हुए जहरीली शराब कांड में भी जुड़ा है।
डेढ़ दशक से बिक रही अवैध शराब, एक्साइज विभाग दिखाता रहा लापरवाही
एक्साइज विभाग की तरफ से माझा के दो जिलों में बिक रही नाजायज शराब को लेकर पूरी लापरवाही दिखाई गई। जब 100 से ज्यादा लोग काल का ग्रास बन गए, तब सरकार ने आनन-फानन में एक्साइज विभाग की भी लंबी चौड़ी टीम को सस्पेंड कर डाला। हालांकि जांच के दौरान यह भी निकल कर सामने आया है कि ऐसी शराब तो बीते डेढ़ दशक से जिला अमृतसर और तरनतारन के छोटे कस्बों में बिक रही थी, जिसे लेकर एक्साइज विभाग पूरी तरह से लापरवाही दिखाता रहा।
मिथाइल अल्कोहल खतरनाक, रेक्टिफाइड स्प्रिट नहीं
एक्साइज की जालंधर रेंज के डीटीसी जसपिंदर सिंह की मानें को गोराया में पकड़ी गई पैरेट और माझा में बिकी जहरीली शराब को लिंक अप नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि गोराया में पकड़ी गई स्प्रिट तो रेक्टिफाइड स्प्रिट थी, जो खतरनाक नहीं होती और शराब बनाने के काम आती है। माझा में तो मिथाइल अल्कोहल शराब में मिक्स की गई थी, जो लोगों के लिए खतरनाक साबित हुई। मिथाइल अल्कोहल सैनिटाइजर बनाने में प्रयोग की जाती है। जसपिंदर सिंह ने कहा कि गोराया स्प्रिट रिकवरी में जितने भी आरोपी थे, सारे पकड़ लिए गए थे। हालांकि माझा में भी एक्साइज विभाग की नाक तले मिथाइल अल्कोहल युक्त जहरीली शराब बिकती रही, लेकिन विभाग कोई भनक तक नहीं लगी।
रेंज में बिकती रही जहरीली शराब, अफसरशाही रही मस्त
जालंधर रूरल पुलिस की तरफ से पकड़ी गई स्प्रिट और नामजद किए गए आरोपियों की गिरफ्तारी को ही पर्याप्त मानकर एक्साइज की जालंधर रेंज संतुष्ट हो गई। हालांकि एक्साइज विभाग के पास अपनी पुलिस भी होती है, लेकिन एक्साइज की जालंधर रेंज माझा में बिक रही जहरीली शराब को लेकर बेखबर ही रही और इतना बड़ा हादसा हो गया। अभी एक्साइज विभाग की तरफ से मात्र पुलिस की तरफ से की जा रही कार्यवाही की तरफ ही देखा जा रहा है और अपनी तरफ से कुछ खास नतीजा दे पाने में बुरी तरह से विफल हो गया है।
जालंधर में भी ठेकेदार ही पकड़वा रहे नाजायज शराब
एक्साइज विभाग की नाकामी का आलम यह है कि सरकार की तरफ से सख्ती किए जाने के दिशा-निर्देशों के बावजूद भी विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है। जालंधर में बीते 10 दिन में दो बार ठेकेदारों की सूचना पर ही नाजायज शराब पकड़ी गई और उसमें से भी एक बार तो शराब की पेटियां कम कर दी गई और दो में से एक आरोपित को छोड़ ही दिया गया। मंगलवार देर शाम एक बार फिर से ठेकेदारों की ही सूचना पर एक्साइज विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर नाजायज शराब को पकड़ा गया।