सिख जत्थे को लाहौर जाने के लिए नहीं मिली पाकिस्तान से अनुमति, पिछली बार भी नहीं जा पाए थे श्रद्धालु

शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की बरसी पर पाक जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के जत्थे को पाकिस्तान से इजाजत नहीं मिल पाई है। ऐसा कोरोना के डर से हुआ है। यह लगातार दूसरी बार है जब जत्था पाकिस्तान नहीं जा पाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 12:49 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 12:49 PM (IST)
सिख जत्थे को लाहौर जाने के लिए नहीं मिली पाकिस्तान से अनुमति, पिछली बार भी नहीं जा पाए थे श्रद्धालु
सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान ने नहीं दी आने की इजाजत। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, अमृतसर। शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की बरसी के मौके पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री डेहरा साहिब लाहौर जाने वाला 127 सिख श्रद्धालुओं का जत्था इस बार भी पाकिस्तान नहीं जा सकेगा। इससे पहले भी पाकिस्तान सरकार ने गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दिवस पर पाकिस्तान जाने वाले जत्थे को स्वीकृति नहीं दी थी। एसजीपीसी के अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने कोरोना के बढ़ रहे प्रभाव को देखते हुए एसजीपीसी के जत्थे को पाक आने की स्वीकृति नहीं दी है। 

केंद्र सरकार ने जत्थे की सुरक्षा व कोरोना के प्रभाव को मुख्य रखते हुए जत्थे को ननकाना साहिब कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जाने की अनुमति नहीं दी थी, तो उस वक्त एसजीपीसी और अकाली दल के नेताओं की ओर से भारत सरकार के खिलाफ काफी शोर मचाया था। लेकिन, अब पाकिस्तान सरकार ने दो बार जत्थे को आने की अनुमति नहीं दी है, लेकिन एसजीपीसी और अकाली दल के नेता पूरी तरह खामोश है।

एसजीपीसी के उप सचिव कुलविंदर सिंह रमदास ने बताया कि यात्रा विभाग एसजीपीसी की ओर से पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सतवंत सिंह के साथ फोन पर बात हुई थी। उन्होंने ने भी बताया कि शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की बरसी पर पाकिस्तान सरकार ने जत्थे को आने की स्वीकृति इसलिए नहीं दी है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना का प्रभाव है। उन्होंने बताया कि यह जत्था 21 जून को पाकिस्तान जाना था, जिसने 29 जून को महाराजा रणजीत सिंह की बरसी मनाने के बाद वापस 30 जून को भारत आना था। जिन श्रद्धालुओं ने इस जत्थे के साथ पाकिस्तान जाने पासपोर्ट दिए थे व अपने पासपोर्ट एसजीपीसी कार्यालय से वापस ले सकते हैं।

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