अस्पतालों में हंगामा करने वालों के खिलाफ आइएमए का रोष मार्च कल
निजी अस्पतालों में हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने मोर्चा खोल दिया है। डाक्टर 18 जून को शांत तरीके से रोष व्यक्त करेंगे। इस दिन वह काले बिल्ले लगाकर अस्पतालों में काम करेंगे। इस बात की जानकारी बुधवार को आइएमए के नेशनल उपप्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया ने पंजाब प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
जागरण संवाददाता, जालंधर : निजी अस्पतालों में हंगामा करने वाले लोगों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने मोर्चा खोल दिया है। डाक्टर 18 जून को शांत तरीके से रोष व्यक्त करेंगे। इस दिन वह काले बिल्ले लगाकर अस्पतालों में काम करेंगे। इस बात की जानकारी बुधवार को आइएमए के नेशनल उपप्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया ने पंजाब प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में डाक्टरों व अस्पतालों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। दि हेल्थ सर्विसिज पर्सनल एंड क्लीनिकल एस्टेबिलिशमेंट (प्रोहिबशन वायलेंस एंड डेमेज टू प्रापर्टी) बिल 2019 के तहत ड्यूटी पर तैनात डाक्टर तथा हेल्थ वर्करों पर हमला करने वालों को दस साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस एक्ट को सख्ती से देशभर में लागू करने को कहा है। उन्होंने कोरोना का इलाज करते हुए बीमारी की चपेट में आकर मारे गए डाक्टरों के परिवारों को आर्थिक मदद मुहैया करवाने की भी मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील है कि आइएमए को वाजिब दरों पर 50 फीसदी वैक्सीन मुहैया करवाई जाए और ताकि नीतियों की पालना करते हुए लोगों को इसका लाभ पहुंचाया जा सके।
आइएमए जालंधर के प्रधान डा. अमरजीत सिंह ने बताया कि डाक्टर मरीज को बेहतर इलाज की सुविधा देकर बचाने का प्रयास करते हैं। अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ रोष व्यक्त करने के लिए 18 जून को सभी डाक्टर अपने अस्पतालों में काले बिल्ले लगा कर काम करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री के नाम जिला व पुलिस प्रशासन, विधायकों व सांसदों को मांग पत्र सौंपेंगे। इस मौके पर डा. नरेश बाठला, डा. बलराज गुप्ता, डा. जेपी सिंह, डा. अलोक ललवानी, डा. एसपीएस ग्रोवर तथा डा. दीपक चावला भी मौजूद थे।