ऐसा करेंगे तो कोरोना संक्रमित होने के बाद भी नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल, जालंधर के डीसीपी गुरमीत ने शेयर किया अपना अनुभव

डीसीपी गुरमीत सिंह 27 मार्च को कोरोना पाजिटिव आने के बाद अस्पताल गए थे। वहां पर एक्स-रे और स्कैन करवाने के बाद अस्पताल रुकना पड़ा। इस दौरान तमाम नियमों का पालन करते हुए दो दिन बाद ही घर लौट गए।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 08:32 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 08:32 AM (IST)
ऐसा करेंगे तो कोरोना संक्रमित होने के बाद भी नहीं जाना पड़ेगा अस्पताल, जालंधर के डीसीपी गुरमीत ने शेयर किया अपना अनुभव
डीसीपी गुरमीत सिंह घर में क्वारंटाइन थे, लेकिन तमाम हिदायतें डाक्टर की मानी।

जालंधर, जेएनएन। अगर कोरोना पाजिटिव आने के बाद भी नियमों का पालन करेंगे तो अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसा अनुभव डीसीपी गुरमीत सिंह का है। 27 मार्च को कोरोना पाजिटिव आने के बाद अस्पताल जाना मजबूरी था। वहां पर एक्स-रे और स्कैन करवाने के बाद अस्पताल रुकना पड़ा। इस दौरान तमाम नियमों का पालन करते हुए दो दिन बाद ही घर लौट गए। परिवार के बीच होम क्वारंटाइन रहे। घर में डा. सीएस परुथी द्वारा दी गई दवाई खाते रहे। भले ही घर में क्वारंटाइन थे, लेकिन तमाम हिदायतें डाक्टर की मानी। इसके परिणाम स्वरूप 17 दिन बाद रिपोर्ट नेगेटिव आ गई।

पंजाब एवेन्यू में रहने वाले गुरमीत सिंह बताते हैं कि पब्लिक डीलिंग अधिक होने के कारण दिन भर लोगों के बीच रह कर कार्य करते थे। पाजिटिव होने के बाद भी यह दौर जारी रखा। अंतर केवल इतना था कि अब 'वर्क फ्राम होम' काम करते थे। वह बताते हैं कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद वह कोरोना की चपेट में आए थे। शुरुआत में कई तरह की दिक्कतें आई, जिसमें खांसी, जुकाम, बुखार और बदन दर्द की समस्या से जूझते रहे। दो दिन में इन समस्याओं से मुक्ति मिल गई, जिसके बाद वो होम क्वारंटाइन हुए।

इन दिनों में उन्हें आत्मनिर्भर होने की सीख भी मिली, जिसके तहत उन्होंने अपने बर्तन तक खुद धोए। यह अलग तरह का अनुभव था, लेकिन हालात के मुताबिक ऐसा करना विवशता भी रही। सुखद बात यह रही कि पूरा परिवार नेगेटिव था। वह नहीं चाहते थे कि परिवार का कोई अन्य सदस्य कोरोना की चपेट में आए। वह कहते हैं कि कोरोना संक्रमित होने के बाद भी खुद को बीमार महसूस नहीं होने देना चाहिए। इसके अलावा सरकारी निर्देशों का ईमानदारी के साथ पालन करके कोरोना से काफी हद तक बचा जा सकता है।

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