होटल मालिकों के सामने बड़ी चुनौती, नहीं लौटना चाहते गृहराज्य गए कर्मचारी

कर्मचारी अब सोशल मीडिया के जरिए कह रहे हैं कि जब उन्हें वेतन नहीं मिला तो फिर वो वापस जाकर क्या करेंगे।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 09:57 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 09:57 AM (IST)
होटल मालिकों के सामने बड़ी चुनौती, नहीं लौटना चाहते गृहराज्य गए कर्मचारी
होटल मालिकों के सामने बड़ी चुनौती, नहीं लौटना चाहते गृहराज्य गए कर्मचारी

जालंधर, जेएनएन। करीब ढाई महीने से लॉकडाउन के चलते बंद होटल इंडस्ट्री के आठ जून को खुलने से पहले ही नई चुनौती आ गई है। लाखों का नुकसान झेल चुकी होटल इंडस्ट्री को अब शेफ व अन्य स्टाफ की कमी भी खलेगी। दरअसल, कर्फ्यू के चलते होटल बंद रहने से अधिकांश स्टाफ अपने गृह राज्य लौट चुका है। उन्हें वापस बुलाना अब होटल संचालकों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि यहां से वापस लौटे कर्मचारी अब सोशल मीडिया के जरिए कह रहे हैं कि जब उन्हें वेतन नहीं मिला तो फिर वो वापस जाकर क्या करेंगे। खासकर, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश के कर्मचारी अभी लौटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें इस बात की नाराजगी है कि न तो उनके लिए पर्याप्त इंतजाम हुए और न ही वेतन मिला।

जालंधर में 140 होटल, आठ हजार कर्मचारी

जिले की बात करें तो यहां अच्छी श्रेणी के करीब 140 होटल-रेस्टोरेंट हैं। इनमें करीब आठ हजार कर्मचारी काम करते हैं। इस काम में ज्यादातर कर्मचारी हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड से जुड़े हैं, जो होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर यहां नौकरी करने आए थे। कफ्र्यू के कारण होटल बंद कर दिए तो होटल संचालकों के सामने भी उन्हें ठहराने व खाने के बंदोबस्त के साथ वेतन देने की चुनौती थी। ऐसे में कई होटलों ने उनका साथ छोड़ दिया। जो कर्मचारी यहां किराये पर रहते थे, उन्होंने जमा पूंजी से किसी तरह कुछ दिन काटे और फिर वापस घरों को लौट गए।

होटल मालिकों की परेशानी भी बरकरार

सरकार ने आठ जून से होटल खोलने की इजाजत की बात कही है, लेकिन अभी शर्तें नहीं बताई हैं। होटल मालिकों की परेशानी अभी बरकरार रहने वाली है, क्योंकि अभी आवाजाही पूरी तरह नहीं खुली है तो ऐसे में कमरों की बुङ्क्षकग नहीं हो पाएगी। खास बात यह है कि होटल का बार सरकार ने लॉकडाउन को अनलॉक करने के अंतिम फेज में रखा है। ऐसे में बिना बार के ग्राहक भी नहीं मिलेंगे। होटल को सैनिटाइज करने का खर्चा भी अपनी जेब से ही करना होगा। इस बात की पुष्टि होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ जालंधर के चेयरमैन परमजीत ङ्क्षसह भी करते हैं। उन्होंने कहा कि  होटल कारोबार इतनी जल्दी पटरी पर नहीं आएगा। स्टाफ अपने गृह राज्य गया है, लेकिन हम तभी बुलाएंगे जब हालात पूरी तरह से होटल चालू करने के हो जाएंगे।

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