World AIDS Day 2021 : पंजाबियों को एड्स के अंधेरे में धकेल रहा नशे का टीका, जागरूकता के बावजूद बढ़ रही मरीजों की संख्या

कृषि प्रधान प्रदेश पंजाब के युवा नशे की दलदल में धंस रहे है। राज्य में सरकारों ने नशे पर काबू पाने के दावे किए लेकिन नतीजे ढाक के तीन पात रहा। राज्य में पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से यूथ को जागरूक करने की दर 108 फीसदी है।

By Edited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 01:12 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 12:51 PM (IST)
World AIDS Day 2021 : पंजाबियों को एड्स के अंधेरे में धकेल रहा नशे का टीका, जागरूकता के बावजूद बढ़ रही मरीजों की संख्या
पंजाबियों को एड्स के अंधेरे में धकेल रहा नशे का टीका।

जालंधर [जगदीश कुमार]। कृषि प्रधान प्रदेश पंजाब के युवा नशे की दलदल में धंस रहे है। राज्य में सरकारों ने नशे पर काबू पाने के दावे किए लेकिन नतीजे ढाक के तीन पात रहा। राज्य में पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी की ओर से यूथ को जागरूक करने की दर 108 फीसदी है। इसके बावजूद नशा करने वालों में एचआईवी पाजिटिव दर तेजी से बढ़ रही है। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, पीजीआइ चंडीगढ़ व सेहत विभाग द्वारा किए गए सर्वे व सालाना सर्वे की रिपोर्ट के आंकड़े चौकाने वाले है। टीके से नशा करने वालों में पंजाब देश में तीसरे पायदान पर है। पंजाब में टीके से नशा करने वालों में 12.1 प्रतिशत एचआईवी पाजिटिव है। देश में नौ राज्य ऐसे है जिनमें यह पांच फीसदी से ज्यादा है।

कोरोना काल से पहले 2019 में हुए सर्वे के मुताबिक पंजाब में एड्स के कुल 88165 मरीज है। कोरोना के कारण उनका आंकड़ा अभी तक अपडेट नहीं हो पाया। खास बात यह है कि इनमें शिक्षित बेरोजगार युवा भी शामिल है। विडंबना इस बात की है कि एचआईवी पाजिटिव आने के बाद काउंसलिंग में युवा एक ही सीरिंज से ज्यादा लोग टीका लगाने से एचआईवी होने की बात से अनजान है। जिला कपूरथला में रहने वाले 29 साल युवक ने बताया कि डिग्री करने के बाद उसे रोजगार नहीं मिला। गांव के आसपास दूसरे लड़के नशे के आदी थे। वह उनकी संगत में फंस गया और नशे का लालच बढ़ता गया और उसने टीके से नशा करना शुरू कर दिया।एक ही सी¨रज से वे सभी नशे का टीका लगाने लगे। पांच महीने पहले बीमार हुआ। एचआईवी का टेस्ट करवाया तो वह पाजिटिव आ गया। पहली बार यकीन नहीं हुआ। तीन बार टेस्ट की रिपोर्ट एक जैसी आने के बाद पैरों तले से जमीन निकल गई। अब नशा छोड़ने और एचआइवी का एक साथ इलाज करवा रहा हूं।

नशा करने वालों में ज्यादा संख्या युवाओं की

माडल नशा छुड़ाओं केंद्र के मनोचिकित्सक डा. अमन सूद ने बताया कि टीके से नशा करने वाले लोगों में ज्यादातर युवा है। इससे एचआईवी एड्स होने वालों की दर में इजाफा हो रहा है। नशा छोड़ने का इलाज करवाने के लिए आने वालों की काउंसलिंग के दौरान काफी हैरान करने वाली बातें सामने आई। हालांकि कई मरीज इलाज अधर में छोड़ कर चले जाते है। समाजसेवी संस्थाओं को दिए प्रोजेक्ट पंजाब एड्स कंट्रोल सोसायटी के सहायक निदेशक डा. बाबी गुलाटी का कहना है कि नशा करने वालों को इससे छुटकारा पाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रोजेक्ट दिए गए है। 23 प्रोजेक्ट केवल टीका लगाने से नशा करने वालों के लिए चलाए गए। 144468 लोगों को जागरूक कर 108 फीसदी लक्ष्य पूरा किया है। विभाग की ओर से मरीजों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है।

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