हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, अवैध इमारतें सील करने में तीन साल लगे, गिराने में कितना समय लगेगा?

जालंधर में पीएनबी चौक के नजदीक स्थित दो अवैध दुकानों को गिराने के आदेश नवंबर 2016 में जारी किए गए थे। प्रशासन इन्हें जनवरी 2019 में सील कर पाया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 18 May 2019 01:33 PM (IST) Updated:Sun, 19 May 2019 11:28 AM (IST)
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, अवैध इमारतें सील करने में तीन साल लगे, गिराने में कितना समय लगेगा?
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, अवैध इमारतें सील करने में तीन साल लगे, गिराने में कितना समय लगेगा?

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़/जालंधर : जालंधर में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने में पंजाब सरकार की सुस्ती की कलई शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में खुल गई। इस संबंध में दायर स्टेटस रिपोर्ट पर पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि जालंधर प्रशासन ने जिन अवैध भवनों को गिराने के आदेश तीन साल पहले दे दिए थे, उन्हें सील करने में भी नगर निगम ने तीन वर्ष लगा दिए तो इन्हें गिराने में अभी कितना समय लगेगा।

चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की यह मौखिक टिप्पणी सरकार द्वारा जालंधर में अवैध निर्माणों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर दायर स्टेटस रिपोर्ट पर की। रिपोर्ट के अनुसार जालंधर में पीएनबी चौक के नजदीक स्थित दो अवैध दुकानों को गिराने के आदेश नवंबर, 2016 में जारी कर दिए गए थे, परंतु इन दुकानों को जनवरी 2019 में सील किया गया। स्थानीय निकाय विभाग के सेक्रेटरी ए वेणुप्रसाद, डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा, निगम कमिशनर जतिंदर जोरवाल ने कोर्ट में 93 बिल्डिंगों पर रिपोर्ट दी। यह भी बताया कि अवैध निर्माण के लिए नौ अफसर सस्पेंड किए गए। सभी के खिलाफ जांच चल रही है। हालांकि न्यायाधीश इस रिपोर्ट से सुतंष्ट नहीं थे। कोर्ट ने अफसरों के जवाबों पर नाराजगी जताते हुए रिपोर्ट भी खारिज कर दी। चार सप्ताह के अंदर एफिडेविट दिया जाए कि अवैध इमारतों पर क्या कार्रवाई होगी।

स्थानीय निकाय विभाग के सेक्रेटरी, डीसी व निगम कमिश्नर से चार हफ्ते में मांगा जवाब

जासं, जालंधर : हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए स्थानीय निकाय विभाग के सेक्रेटरी ए वेणुप्रसाद, डीसी वरिंदर शर्मा और निगम कमिश्नर जतिंदर जोरवाल से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने तीनों अफसरों को चार सप्ताह में एफिडेविट देने के आदेश दिए हैं, जिसमें बताना होगा कि अवैध निर्माण पर क्या और कैसे एक्शन होगा। अवैध निर्माण रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। अब केस की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी।

याचिका में विधायक रिंकू का भी जिक्र

आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह का आरोप है कि निगम बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर रहे लोगों को रोक नहीं पा रहा है। शहर में धड़ाधड़ अवैध निर्माण हो रहा है। सिमरनजीत ने याचिका में विधायक सुशील रिंकू का भी जिक्र किया है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई में विधायक रिंकू ने रुकावट डाली है। जनहित याचिका पर तलब रिपोर्ट से जालंधर की 300 से ज्यादा कॉमर्शियल इमारतों पर कार्रवाई का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में निगम अगले दिनों में शहर में बड़ी कार्रवाई कर सकता है। कार्रवाई की आशंका से अवैध निर्माण करने वाले निर्माण को रेगुलर भी करवा सकते हैं।

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