क्या जिंदगी से बढ़कर है दो घंटे की छूट?

भारी वाहनों को शहर में एंट्री के लिए सुबह 11 से 1 बजे तक मिली दो घंटे की छूट जिंदगी पर भारी पड़ रही है। रोज सैकड़ों की गिनती में भारी वाहन मकसूदां से वर्कशाप चौक होते हए कपूरथला रोड तक जाते हैं। पीक आवर में गुजरते इन वाहनों से कई हादसे हो चुके।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:57 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:57 AM (IST)
क्या जिंदगी से बढ़कर है दो घंटे की छूट?
क्या जिंदगी से बढ़कर है दो घंटे की छूट?

जागरण संवाददाता, जालंधर : भारी वाहनों को शहर में एंट्री के लिए सुबह 11 से 1 बजे तक मिली दो घंटे की छूट जिंदगी पर भारी पड़ रही है। रोज सैकड़ों की गिनती में भारी वाहन मकसूदां से वर्कशाप चौक होते हए कपूरथला रोड तक जाते हैं। पीक आवर में गुजरते इन वाहनों से कई हादसे हो चुके। छह महीने में तीन लोगों की जान भी चली गई। बीस से ज्यादा लोग गंभीर घायल भी हो गए, उसके बावजूद इस छूट को बंद नहीं किया गया। नौ सितंबर को इसी रूट पर डीएवी कालेज के पास एक कैंटर की टक्कर में एनआरआइ महिला की मौत हो चुकी है, उसके बावजूद इन वाहनों का न तो रूट बदला गया और न इनके चालान किए गए। हालात ये हैं कि भले ही छूट दो घंटे की है लेकिन भारी वाहन ट्रैफिक जाम का बहाना बनाकर सारा दिन इस रूट से गुजरते हैं। पूरे शहर में सुबह आठ से रात आठ बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है, लेकिन सिर्फ इसी मार्ग पर दो घंटे की छूट देने की बात शहरवासियों के गले से भी नहीं उतरती। हादसों के लिए ब्लैक स्पाट बन चुके इस रोड पर भारी वाहनों की एंट्री सुबह बैन करवाने के लिए कई एनजीओ व सोसायटी सीपी व डीसी को शिकायत कर चुके हैं, उसके बावजूद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। डीएवी कालेज के पास ट्रैफिक पुलिस का एक नाका तो है लेकिन वे ट्रकों को नहीं रोकते। इसके पीछे अधिकारियों के दो घंटे की छूट के आदेशों का हवाला देते हैं।

---------------------------------------------- इस रूट पर 11 शिक्षण संस्थान, फिर भी वाहनों की एंट्री

मकसूदां से लेकर वर्कशाप चौक तक के रास्ते पर छह कालेज व पांच स्कूल हैं। सुबह-शाम छात्र दोपहिया वाहन व पैदल यहां से गुजरते हैं। वाहनों के दिन में इस रास्ते पर प्रवेश करने से उन हजारों बच्चों की जान पर खतरा बना रहता है। कुछ वाहन नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से पाबंदी का समय पूरा होने के बाद भी वर्कशाप चौक की तरफ निकलते देखे जा सकते हैं। नाके पर दो मुलाजिमों की तैनाती, एएसआइ राजकुमार ने नियमों का हवाला दे झाड़ा पल्ला

नाकों पर ट्रैफिक पुलिस के एक एएसआइ समेत दो मुलाजिमों की तैनाती रहती है। दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को नाके का दौरा किया तो एएसआइ राजकुमार वहां ड्यूटी पर मौजूद हैं। उनसे जब पूछा गया तो उन्होंने भी नियमों का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। कहा कि भारी वाहनों 11 से एक बजे तक आने-जाने के लिए छूट मिली हुई है, वे कुछ नहीं कर सकते।

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लोगों की मांग रात को ही निकाले भारी वाहन

लोगों और स्थानीय दुकानदारों में खासा रोष है। कांग्रेस नेता एडवोकेट अजय कुमार लक्की ने बताया कि स्कूल और कालेज होने के साथ साथ कई अस्पताल भी इस रोड पर ही है। आए दिन भारी वाहनों के इलाके में घुसने से हादसे होते हैं। उन पर संज्ञान लेते हुए भारी वाहनों के दिन में प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या ये छूट सैकड़ों जिंदगियों से बढ़कर है।

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छह महीने में तीन परिवारों ने अपनों को खोया

-19 अप्रैल को डीएवी फ्लाईओवर के पास पिता के साथ क्रिकेट की कोचिग लेकर घर जा रहे मासूम की ट्रक और एक्टिवा की टक्कर में मौत हो गई। पिता भी गंभीर घायल हो गए। पुलिस जांच में सामने आया कि ट्रक ड्राइवर नशे में ट्रक चला रहा था।

-जून में भी डीएवी फ्लाइओवर के पास एक एक्टिवा सवार बुजुर्ग को ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी थी जिसके बाद अनियंत्रित होकर बुजुर्ग स्कूटी समेत ट्रक के पिछले टायर के नीचे आ गया था।

-9 सितंबर को भी डीएवी कालेज के फ्लाईओवर के पास सवा 11 बजे करीब एक कैंटर ने स्कूटी सवार महिला को टक्कर मार दी थी। लोगों ने कैंटर चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। तेजिदर कौर कुछ दिन पहले ही इंग्लैंड से लौटी थी और उसने कुछ दिन बाद कनाडा जाना था। डीजीपी से लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री से शिकायत

ट्रकों की एंट्री को लेकर कई बार लोग पुलिस के उच्च अधिकारियों को भी मांगपत्र दिए गए हैं। दो साल पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री, डीजीपी और जालंधर के डिप्टी कमिश्नर से इस मुद्दे को लेकर पत्र के जरिए शिकायत कर मांग की गई थी कि वाहनों पर रोक लगाई जाए लेकिन अब तक उन सारी शिकायतों पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। -------------

ये है विकल्प : ट्रक भी आते रहेंगे और हादसे भी नहीं होंगे

मकसूदां से वर्कशाप चौक होकर कपूरथला जाने वाले भारी वाहनों में अधिकांश जम्मू कश्मीर से आने वाले ट्रक होते है। ऐसे में इन ट्रकों को दिन के समय में करतारपुर होते हुए अगर कपूरथला की तरफ भेज दिया जाए तो समस्या से निजात पाई जा सकती है। रूट को अपनाने से ट्रकों के एक चक्कर में करीब 10 किमी का ही अंतर आएगा लेकिन इससे शहर के अंदर भारी वाहनों से होने वाले हादसों पर रोक लग सकती है। ----------

डीसीपी ने कहा-चेक करवाएंगे, हादसे रोकने जरूरी हैं..छूट बंद होगी

डीसीपी ट्रैफिक नरेश डोगरा ने कहा कि उनकी तैनाती अभी कुछ समय पहले ही हुई है। मामला उनके संज्ञान में आया है। अगर वाहन हादसों का कारण बनते हैं तो वाहनों को किसी भी हाल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। अगर कोई भारी वाहन इस समय सीमा के बीच में शहर में प्रवेश करता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी ट्रैफिक कर्मी की मिलीभगत से कोई भारी वाहन नो एंट्री में आता दिखाई देता है तो उसके खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।

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