कलाई के रास्ते हार्ट सर्जरी कोरोना काल में मरीजों के लिए बनी वरदान, 24 घंटे में अस्पताल से मिलती है छुट्टी
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के डर के कारण हार्ट अटैक के लक्षण होने के बावजूद मरीज अस्पताल आने में देरी करते हैं। कलाई के रास्ते हार्ट सर्जरी कम समय में संपन्न हो जाती है। मरीज बिना डरे इसका लाभ उठा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। कलाई के रास्ते हार्ट सर्जरी करवाने पर मरीज अस्पताल से 24 घंटे के भीतर छुट्टी ले सकते हैं। यह तरीका कोरोना वायरस महामारी के दौरान मरीजों के ट्रीटमेंट में काफी मददगार साबित हुआ है। एसएसएम इनोसेंट हार्ट्स के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विवेक राणा का कहना है कि यह तरीका कोरोना वायरस महामारी के कारण स्वास्थ्य के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसकी मदद से सफल इलाज के बाद मरीजों को जल्द छुट्टी देकर अस्पताल परिसर में भीड़भाड़ पर लगाम लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसे कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। पूरी दुनिया में इसे समर्थन मिल रहा है।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने के डर के कारण हार्ट अटैक के लक्षण होने के बावजूद मरीज अस्पताल आने में देरी करते हैं। कलाई के रास्ते हार्ट सर्जरी कम समय में संपन्न हो जाती है। मरीज बिना डरे इसका लाभ उठा सकते हैं और 24 घंटे के अंदर घर लौट सकते हैं।
भारत में 30 करोड़ लोगों की जान गैर-संक्रामक बीमारियों से जाने का खतरा
डॉ. विवेक राणा ने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा एकत्र किए गए आंकड़े बताते हैं कि भारत में लगभग 30 करोड़ लोगों के गैर-संक्रामक बीमारियों (एनसीडी) से मरने का खतरा है। देश में 60 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण हृदय रोग, श्वसन संबंधी विकार और कैंसर हैं। इनमें से 26 प्रतिशत 30-70 वर्ष की आयु वर्ग के हैं। यह बेहद खतरनाक है क्योंकि हृदय रोग मरीजो के जीवन को जोखिम में डालता है।
कोरोना से न डरें, हृदय रोगी डॉक्टर से परामर्श जरूर करें
कोविड-19 संक्रमण होने के डर से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। हृदय रोग में समय महत्वपूर्ण है। इसलिए, मरीजों के लिए तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।
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