जालंधर में मां बगलामुखी धाम में करवाया हवन यज्ञ, नवजीत बोले- इंसान खुद अपने सुखों व दुखों का कारण

मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौक होशियारपुर रोड पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। मुख्य यजमान राजेंद्र पाल से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 12:58 PM (IST)
जालंधर में मां बगलामुखी धाम में करवाया हवन यज्ञ, नवजीत बोले- इंसान खुद अपने सुखों व दुखों का कारण
मां बगलामुखी धाम में हवन यज्ञ में आहुतियां डालते हुए भक्त।

जालंधर, जेएनएन। मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौक होशियारपुर रोड पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले पं. अविनाश गौतम एवं पं. पिंटू शर्मा  ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित माला जाप कर मुख्य यजमान राजेंद्र पाल से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं। यज्ञ में उपस्थित मां भक्तों को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि  जिस प्रकार कोयले को साफ करने और चमकाने में सौ मन साबुन की बर्बादी है, उसी प्रकार मूर्ख व्यक्ति को समझाना अपनी ज्ञान की गठरी को समाप्त करने के समान है और मूर्ख व्यक्ति अपने आप को परम ज्ञानी समझता है।

सच्चा व्यक्ति वही है जो सेवा समर्पण और तपस्या में अपने आप को पका चुका हो। नवजीत भारदज ने कहा कि ऊंचे कुल में जन्म लेना काफी नहीं है। हमारी करनी ऊंची होनी चाहिए। रावण का जन्म भी ऊंचे कुल में हुआ था परंतु अपनी नीच करनी के चलते वह राक्षस हो गया। उन्होने कहा कि इंसान खुद ही अपने सुखों दुखों का कारण है भगवान नहीं। भगवान ने तो सभी को एक समान हाड़ मास का शरीर दिया है। इंसान गुरु  के साथ लगकर अपने जीवन को दुखों दुखों से ऊपर उठाकर उस परम शक्ति को पा सकता है। इंसान इस बात को हमेशा ही याद रखें कि परमात्मा ने इतना कुछ दिया है।

उन्होंने कहा कि हर इंसान के पास परमात्मा की दी हुई सभी शक्तियां हैं। फिर भी इंसान दुखी है। दुखों का कारण उसकी बढ़ती इच्छाएं हैं। शब्द ही दुखों का निवारण है। जिस तरह से इंसान मंदिरों में जाकर घंटियां बजाता है, उस तरह की घंटियां तो हमारे शरीर में हैं। वहीं ध्वनि हमारे अंदर उत्पन्न होती है। हर चीज साइंस है। नवजीत भारद्वाज ने आखिर में कहा कि डॉक्टर हमारे ऊपर प्रयोग करते हैं। उनके प्रयोग खुद के दिमाग के कम और जांच में आई रिपोर्ट पर ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसमें सफलता भी मिलती है। उसी प्रकार इंसान अपने खुद के ऊपर प्रयोग करें। इंसान का लक्ष्य माया को पाने का नहीं होना चाहिए, बल्कि माया को बनाने वाले भगवान को पाने का होना चाहिए। हवन यज्ञ के दौरान सोशल डिस्टेंस एवं सैनेटाइज़ेशन का खा़स ध्यान रखा गया।

इस अवसर पर अमरेंद्र, एडवोकेट राज कुमार, समीर चोपड़ा, विक्रम, मनीष शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, विनोद लूथरा, गुरबाज सिंह, संजीव सांवरिया, बलजिंदर सिंह, रोहित बहल, यज्ञदत्त, वरिंदर मैहता, अवतार सिंह, अभिलक्षय चुघ, चिराग शर्मा, विकास सभ्रवाल, हरीश कुमार, पंकज, राजेश महाजन, बावा खन्ना, मोहित बहल, पुनीत डोगरा, संजय, सोनू छाबड़ा, नवीन, दिशांत शर्मा, अशोक शर्मा, प्रिंस, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह, गनेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, मुकेश चौधरी, मंगल सिंह सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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