35 दिन इलाज के बाद झुलसे हर्ष ने चंडीगढ़ PGI में तोड़ा दम, लापरवाही और प्रशासनिक मिलीभगत बनी लोगों की जान की दुश्मन

जालंधर में बीती 26 जून को बस्ती दानिशमंदा इलाके के ग्रीन वैली में हाइटेंशन तारों की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलसे 14 साल के किशोर हर्ष की इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई। हर्ष 35 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:29 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:29 AM (IST)
35 दिन इलाज के बाद झुलसे हर्ष ने चंडीगढ़ PGI में तोड़ा दम, लापरवाही और प्रशासनिक मिलीभगत बनी लोगों की जान की दुश्मन
हादसों के बाद भी धड़ल्ले से जारी है तारों के नीचे निर्माण कार्य।

जालंधर [अखंड प्रताप सिंह]। बीती 26 जून को बस्ती दानिशमंदा इलाके के ग्रीन वैली में हाइटेंशन तारों की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलसे 14 साल के किशोर हर्ष की इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गई। हर्ष बीते 35 दिनों से ङ्क्षजदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था। बावजूद इसके बिजली बोर्ड और नगर निगम शहर में और मौतों का इंतजार कर रहा है। ना तो हादसे के बाद हाइटेंशन तार के नीचे बने घरों पर कोई सख्त कार्रवाई की गई और ना ही इन मकानों के मालिकों पर कोई सख्त एक्शन लिया गया।

मकान गिराने के लिए दिया था तीन दिन का समय, एक महीने के बाद भी नहीं टूटा

हादसे के बाद मौके पर पहुंचे बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने हादसे की जगह स्थित दीवार को तोड़कर मकान के मालिक को मकान का ऊपरी हिस्सा गिराने के लिए तीन दिन का समय दिया था। लेकिन हादसे के 35 दिन बाद भी मकान का ऊपरी हिस्सा जस का तस है। लगता है बिजली बोर्ड और नगर निगम के अधिकारी अब ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

हादसे के बाद भी धड़ल्ले से हो रहे नवनिर्माण

बस्ती दानिशमंदा इलाके में एक के बाद एक हुए हादसों के बाद भी ना तो प्रशासन के कानों पर जूं रेंग रही है ना ही नगर निगम के अधिकारियों का इस ओर ध्यान जा रहा है। इसके चलते मुलाजिमों की मिलीभगत से इलाके में बिजली की तारों के नीचे एक के बाद एक नए निर्माण होते ही जा रहे हैं। बस्ती दानिशमंदा, बस्ती नौ सहित कई इलाकों में बिजली की खुली तार हादसों का इंतजार कर रही हैं। इलाके में लगे बिजली के ट्रांस्फार्मरों के आसपास सड़कों से थोड़ी ही ऊंचाई पर तारें खुली पड़ी हुई हैं। जिनसे बरसात के मौसम में कभी भी करंट उतरने की संभावना रहती है।

पहले भी हो चुके हैं हादसे

-सात फरवरी 2021 को नहर पुली के पास एक दुकान की छत से गुजरते हाईटेंशन तार की चपेट में आने से 14 साल के साहिल की मौत हो गई थी। छत पर गिरी पतंग लेने गया साहिल, छत से करीब तीन फीट ऊपर से गुजर रही तार की चपेट में आ गया था।

-16 मई 2021 को बस्ती शेख इलाके में कूड़ा फेंकने के दौरान एक युवक तार की चपेट में आ गया। बुरी तरह से झुलसे संजीव को इलाज के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

तारों के नीचे बनाए मकानों के बारे में निगम को समय-समय पर सूचित किया जाता है। तारों के नीचे मकान बनाना सरासर गलत है।  

-हरजिंदर सिंह बांसल, डिप्टी चीफ इंजीनियर, पावरकाम।

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