पंजाब में शिअद को झटका, हरमोहन संधू का पार्टी का इस्तीफा, पंजाब पुलिस की नौकरी छोड़कर आए थे राजनीति में
पंजाब के पूर्व पुलिस अधिकारी हरमोहन सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पंजाब पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था और शिअद में शामिल हुए थे। उनके इस्तीफे का कारण शिअद बसपा गठबंधन माना जा रहा है।
रूपनगर/चमकौर साहिब, जेएनएन। पूर्व कैबिनेट मंत्री सतवंत कौर संधू के पुत्र चमकौर साहिब से अकाली दल के हलका इंचार्ज हरमोहन सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा दे दिया है। वह पुलिस विभाग छोड़कर राजनीति में आए थे। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने उनको 20 फरवरी 2019 को शिरोमणि अकाली दल ज्वाइन करवाया था। हरमोहन सिंह संधू को चमकौर साहिब में बड़ी रैली में पार्टी में शामि कराया गया था।
संधू ने फेसबुक पर अपने इस्तीफे की जानकारी सांझी करते हुए कहा कि मेरे परिवार ने 1962 से अकाली दल की सेवा की है। संधू ने भी लिखा है कि हमारे हलके में बाहर से आकर विधायक बना व्यक्ति और कुछ एसजीपीसी सदस्य जिन्होंने पंथ के विरोध विपरीत शुगर मिल, मिल्कफेड (दूध उत्पादक) सोसायटी चुनाव के दौरान हमारे किसान भाईयों के कागज रद करवाए और पर्चे करवाए, मैं उनके हक में नहीं हूं। मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
हरमोहन सिंह संधू का फेसबुक पोस्ट।
बताया जाता है कि हरमाेहन सिंह संधू चमकौर साहिब से चुनाव लड़ना चाहते थे और शिरोमणि अकाली दल के टिकट के बड़े दावेदार थे। लेकिन शिरोमणि अकाली दल का बहुजन समाज पार्टी से 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए समझौता जाने के बाद यह सीट बसपा के हिस्स में चला गया। इससे संधू की उम्मीदों को झटका लगा। अभी यह साफ नहीं है कि हरमोहन सिंह संधू किसी अन्य दल मेें शामिल होंगे या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की तैयारी करेंगे।
दूसरी ओर, हरमाेहन सिंह संधू के पार्टी छोड़ने से शिरोमणि अकाली दल को बड़ा सियासी नुकसान हुआ है। हरमाेहन संधू का अपनी माता पूर्व कैबिनेट सतवंत कौर संधू के कारण चमकौर साहिब क्षेत्र में अच्छा प्रभाव माना जा रहा है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि संधू के अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी को चमकौर साहिब क्षेत्र में नुकसान हो सकता है।