गुरु रविदास महाराज के प्रकाशोत्सव पर सात दिन तक नहीं बुझता चूल्हा

गुरु रविदास महाराज के जन्म स्थान सीर गोवर्धनपुर में हर साल जन्मोत्सव के समय सात दिन तक अटूट लंगर चलता है। लंगर के लिए एक बार चूल्हा जलता है जो जन्मोत्सव तक बुझता नहीं और लगातार काम चलता रहता है।

By Edited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:31 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:31 AM (IST)
गुरु रविदास महाराज के प्रकाशोत्सव पर सात दिन तक नहीं बुझता चूल्हा
सीर गोवर्धनपुर में लंगर की रसोई में मिठाई और मठरी बनाने का काम तेजी से चल रहा है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : गुरु रविदास महाराज के जन्म स्थान सीर गोवर्धनपुर में हर साल प्रकाशोत्सव के समय सात दिन तक अटूट लंगर चलता है। लंगर के लिए एक बार चूल्हा जलता है जो प्रकाशोत्सव तक बुझता नहीं और लगातार काम चलता रहता है। इस बार भी 23 फरवरी से सात दिन तक अटूट लंगर की तैयारिया पूरी हो चुकी हैं। प्रकाशोत्सव माघ पूर्णिमा पर 27 फरवरी को है। इसके लिए लंगर की रसोई में मिठाई और मठरी बनाने का काम तेजी से चल रहा है। अब तक पंजाब और हरियाणा से करीब 500 महिला-पुरुष सेवादार रविदास मंदिर आकर तैयारियों में जुट गए हैं। हालांकि, कोरोना संकट को देखते हुए भीड़ अभी कम है लेकिन मंगलवार से ही श्रद्धालुओं के लिए लंगर की शुरुआत कर दी गई है।

ट्रस्टी केएल सरोए ने बताया कि इस बार संगत कम होने के कारण 1500-2000 सेवादार लगे हैं। श्रद्धालुओं के लिए तीन लंगर हाल बनाए गए हैं जिसमें एक साथ 2000 लोग बैठकर खाना खा सकते हैं। मैनेजर निर्मल सिंह ने बताया कि आटा, चावल, दाल, चीनी, घी, तेल, रिफाइंड, देशी घी भी पंजाब से आ चुका है।

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कह सकते हैं कि संत की जन्मस्थली पर अब सालभर लंगर चलता रहता है। यहा आने वाले भक्त और श्रद्धालुओं को प्रेम से लंगर छकाया जाता है। कोरोना काल में भी यहा पर लंगर चलता रहा। निर्मल सिंह ने बताया कि कोरोना काल में आसपास की बस्ती व जरूरतमंद लोगों के खाने की व्यवस्था की गई थी।

यहां सालभर हजार लोगों के लंगर की व्यवस्था की जाती है। सीर गोवर्धनपुर में चहल-पहल बढ़ी 27 फरवरी को प्रकाशोत्सव मनाया जाना है लेकिन न कोरोना और कृषि बिल विरोधी आंदोलन के साथ ट्रेन की समस्या होने के कारण भीड़ अभी काफी कम है। मंगलवार को करीब एक हजार की संख्या में भक्त व सेवादार जन्मस्थली पहुंच चुके हैं। कुछ दुकानें सज गई हैं तो कुछ तैयारियों में जुटे हैं। मेला क्षेत्र में बच्चों के झूले व मनोरंजन के साधन लग गए हैं।

मेले में अस्थायी चौकी तैयार

आयोजन को लेकर प्रशासन भी अलर्ट है। सीरगोवर्धनपुर में अस्थाई पुलिस चौकी बनकर तैयार है। मंदिर के पास डोर मेटल डिटेक्टर लगा दिया गया है। पंडाल के पास फायर ब्रिगेड की गाड़ी, जलनिगम के टैंकर, स्वास्थ्य कैंप, कंट्रोल रूम बनकर तैयार है। पुलिस विभाग के लोग भी सक्रिय हैं। पंडाल में जाने वाले लोगों की निगरानी और तलाशी सेवादार कर रहे हैं।

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