Guru Purnima 2021: विधि-विधान से करें गुरु पूजा, चंद्रोदय होने पर दें अर्घ्य, मिलेगी दोषों से मुक्ति

Guru Purnima Puja गुरु पूर्णिमा पर रात को चंद्रमा के समक्ष गुरु का नाम जाप करते हुए अर्घ्य देने से घर में सुख शांति आती है। परिवारिक सदस्यों को सामूहिक रूप से अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए। व्रत का पालन करने के लिए गंगाजल से स्नान जरूरी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 05:51 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:05 AM (IST)
Guru Purnima 2021: विधि-विधान से करें गुरु पूजा, चंद्रोदय होने पर दें अर्घ्य, मिलेगी दोषों से मुक्ति
आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा पंजाब में शनिवार को विधिवत रूप से मनाया जाएगा। सांकेतिक चित्र।

जागरण संवाददाता, जालंधर। 23 और 24 जुलाई को मनाए जा रहे हो गुरु पूर्णिमा महोत्सव पर विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। गुरु की कृपा पाने के इस पर्व वाले दिन चंद्रमा को भी अर्घ्य देने की परंपरा रही है। ऐसा करके कई प्रकार के दोषों से मुक्ति पाई जा सकती है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा पंजाब में शनिवार को विधिवत रूप से मनाया जाएगा। कई स्थानों पर इसे 23 जुलाई को भी मनाया गया। इसके लिए जहां शहर के मंदिरों में व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। वहीं कोरोना महामारी के चलते विभिन्न संस्थाओं की तरफ से सरकारी गाइडलाइंस की पालना करवाने के लिए सेवादार तैनात किए गए हैं।

प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य राम जी बताते हैं कि इंसान को आध्यात्मिकता का ज्ञान अपने गुरु से ही प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा गुरु के प्रति श्रद्धा तथा ध्यान लगाने का दिन है। जिस गुरु ने ज्ञान का मार्ग प्रशस्त किया है, उसकी लगन रोज होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेद व्यास के जन्मदिवस को समर्पित गुरु पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है।

दोष मुक्ति के लिए चंद्रमा को दें अर्घ्य

दोष मुक्ति के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। गुरु पूर्णिमा के दिन ही रात को चंद्रमा के समक्ष अपने अपने गुरु का नाम जाप करते हुए अर्घ्य देने से घर में सुख शांति आती है। इस बारे में रामजी बताते हैं कि गर्मी तथा लू के कारण परेशान हो रहे लोगों को भी चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।

ऐसे करें गुरु की पूजा

श्री गोपीनाथ मंदिर सर्कुलर रोड के प्रमुख पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि गुरु पूर्णिमा पर गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विधिवत पूजा-अर्चना की जानी चाहिए। इसके लिए परिवारिक सदस्यों को सामूहिक रूप से अपने अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा व्रत की पालना करने के लिए गंगाजल से स्नान जरूरी है।

इन नियमों की पालना भी करें सभी देवी देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी को जरूर शामिल करें। गुरु पूर्णिमा के दिन सात्विक भोजन का सेवन करें। महा ऋषि वेद व्यास की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। गुरु पूर्णिमा के दिन ही गौ पूजा तथा गौ सेवा करने से भी दोष दूर होते हैं।

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