गुरुनानक पुरा फाटक: इन पांच वजह से लगता है जाम
शहर की लाइफ लाइन माने जाते गुरुनानक पुरा फाटक में रोजाना लंबे जाम से लोग परेशान हो गए हैं।
अंकित शर्मा, जालंधर
शहर की लाइफ लाइन माने जाते गुरुनानक पुरा फाटक में रोजाना लंबे जाम से लोग परेशान हो रहे हैं। यहां लोगों की लापरवाही के अलावा कुछ खामियां हैं, जिसके कारण रोज जाम लगता है। इन खामियों को दुरुस्त कर लिया जाए तो स्थिति में सुधार होगा और लोगों की परेशानी भी कम हो जाएगी। इसके लिए लोगों को भी साथ देना होगा, क्योंकि जाम का एक कारण वे खुद भी बन रहे हैं। बता दें कि दिल्ली-अमृतसर और अमृतसर दिल्ली की ट्रेनों के लिए फाटक 80 बार बंद होता है। वहीं गुड्स ट्रेन, इंजन (पावर) को एक से दूसरे स्टेशन भेजने के लिए फाटक अलग से बंद होता है। पहला कारण 50 साल से फाटक का दायरा नहीं बढ़ा
इस फाटक को बने हुए 50 साल से अधिक हो गया है। धीरे-धीरे फाटक पर ट्रैफिक बढ़ता गया, मगर इसका दायरा नहीं बढ़ पाया। इसका दायरा न बढ़ पाना जाम का प्रमुख कारण है। फाटक के दायरे को लगभग दस फीट तक बढ़ाया जा सकता है। अभी फाटक का दायरा करीब 45 फीट है, जिसे 55 फीट कर दिया जाए तो राहत मिल सकती है।
दूसरा कारण
एक तरफ फोरलेन, दूसरी तरफ डबललेन रोड गुरुनानक पुरा फाटक पर लगने वाले जाम का एक कारण यह भी है कि लाडोवाली रोड से गुरुनानक पुरा फाटक तक आती सड़क को फोरलेन बना दिया गया है, मगर फाटक के दूसरी तरफ यानी कि गुरुनानक पुरा मार्केट की तरफ डबललेन रोड ही है। वाहन स्पीड से फोरलेन के हिसाब से आते हैं और फाटक पर फंसते हुए गुजरते हैं। तीसरा कारण रेलवे के हाईगेज गेट सड़क को कर रहे सकरा रेलवे की तरफ से रेल लाइन के ऊपर 25 हजार वोल्टेज की हाईटेंशन वायर इलेक्ट्रिक ट्रेनों के लिए लगाई हुई है। ऐसे में हाईगेज हैवी व्हीकल की एंट्री को रोकने के लिए लगाए गए हैं, ताकि कोई हादसा न हो जाए। यह हाईगेट सड़क के मध्य में आ जाने की वजह से ट्रैफिक जाम लगता है। हाईगेज की चौड़ाई करीब 35 फीट है, जिसे 45 फीट तक किया सकता है। ऐसा हो जाए तो जाम से राहत मिल सकती है। चौथा कारण गलत साइड से आने वाले बढ़ाते हैं परेशानी फाटक पर ट्रैफिक व्यवस्था बिगाड़ने का कारण खुद वाहन चालक हैं, जो गलत साइड से आकर फाटक के दोनों तरफ खड़े हो जाते हैं। नियमानुसार वाहन चालकों को अपनी-अपनी लेन से ही गुजरना होता है, ताकि जाम न लगे। यहां रोजाना ऐसी स्थिति बनने से सुबह से रात नौ बजे तक ट्रैफिक जाम लगता रहता है। सबसे ज्यादा समस्या सुबह नौ से 10.30 बजे, शाम के पांच से छह बजे और रात आठ से नौ बजे तक होती है। यहां तक कि बस चालक भी गलत साइड पर आकर खड़े हो जाते हैं। पांचवां कारण पीएपी-चौगिट्टी रोड फ्लाईओवर का रास्ता बंद होने से ट्रैफिक का बढ़ा भार पीएपी फ्लाईओवर 2009 से बनना शुरू हुआ था, जो दस साल बाद पूरा हुआ। एनएचएआइ के गलत डिजाइन के कारण पीएपी फ्लाईओवर बनने के बावजूद इसका मकसद पूरा नहीं हो पाया। अमृतसर जाने के लिए शहर का ट्रैफिक चौगिट्टी की ओर मुड़कर सर्विस लेन से आगे जाकर उतर रहे पीएपी फ्लाईओवर से मिलता था, जहां खतरनाक मोड़ बनने से हादसे हो रहे थे। उसे पहले ही दिन बंद कर दिया गया। उसके बाद आज तक फ्लाईओवर की समस्या ठीक नहीं हो पाई। नतीजतन रामामंडी से होकर आने के बजाए शहर का ट्रैफिक गुरु नानक पुरा फाटक की तरफ डायवर्ट हो गए। इस वजह से यहां ट्रैफिक समस्या विकराल हो गई है। राजनीतिक कारणों से गलत जानकारी देकर रुकवाया काम : बेरी
विधायक राजिदर बेरी कहते हैं कि राजनीतिक कारणों से गलत जानकारी देकर फ्लाईओवर का काम रुकवाया गया है। वे इस संबंध में दो बार दिल्ली तक जाकर फाटक पर फ्लाईओवर का मुद्दा उठा चुके हैं। वे जल्द ही इस मामले को लेकर फिर से दिल्ली जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द ह इसका उचित निर्णय आएगा। इससे सभी को राहत मिलेगी, क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत इसका सारा बजट आया हुआ है और सारी तैयारी पहले से की हुई है।