सरकार ने खड़े किए हाथ, अब 21 नहीं सात दिन की मिलेगी दवाई
कोरोना वायरस के चलते नशे की चेन टूटने से नशेड़ियों का मन तेजी से बदल रहा है।
जगदीश कुमार, जालंधर
कोरोना वायरस के चलते नशे की चेन टूटने से नशेड़ियों का मन तेजी से बदल रहा है। वायरस के कारण लगे कर्फ्यू में लोगों के घरों में रहने के कारण नशेड़ियों का जोश भी ठंडा पड़ चुका है। ओट्स सेंटरों में नशा छोड़ने के लिए इलाज कराने वालों की कतार तेजी से बढ़ रही है। दवा लेने वालों की लंबी कतारें शरीरिक दूरी व मास्क लगाने की नीतियों को खुलेआम मुंह चिढ़ा रही हैं। सरकार की दवा देने की नीतियों में बदलाव करना भी लंबी कतारों को कम करने में नाकाम रहा। दवा लेने वालों को कोरोना की मार से बचाने को सेहत विभाग ने ओट्स सेंटर आने वालों को पहले दस और उसके बाद बीस दिन की दवा एक साथ देने की घोषणा की। अब सरकार लोगों को दवा की अपूर्ति करने में फिसड्डी साबित होने के बाद बैकफुट पर आई और दोबारा सात दिन तक की दवा देने का फरमान जारी कर दिया। विडंबना है कि सात दिन का वादा करने के बावजूद लोग ओट्स सेंटरों से पूरी दवा पाने से वंचित हैं। जिले में दवा लेने वालों की संख्या 22 मार्च को 9617 थी जो मई अंत तक 13058 के करीब पहुंच गई है। इन लोगों के लिए बूप्रीनोरफिन और नेलोक्सान की 5.03 लाख गोली की डिमांड के मुकाबले 4.47 लाख गोली प्रति माह सप्लाई हो रही हैं।
सेहत विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 22 मार्च को कर्फ्यू लगने के बाद अब तक जिले भर में 71 दिन में 3441 नए लोग नशा छोड़ने वालों की कतार में हैं। रोजाना औसतन करीब 49 नए लोग नशा छोड़ने के लिए ओट्स सेंटरों में पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही नशा छोड़ने के लिए दी जाने वाली दवा की मांग भी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा गांव शेखे में बनाए गए दो ओट्स सेंटरों में करीब 1.15 लाख गोली की हर माह खपत हो रही है। सेहत विभाग की ओर से पूरी दवा ना देने से लोग परेशान हैं। जिले में दस ओट्स सेंटरों के स्टाफ को बार-बार स्टॉक लेने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नशा छोड़ने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मॉडल नशा छुड़ाओं केंद्र में कोरोना आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। सरकारी नर्सिंग स्कूल में मरीजों को दाखिल कर इलाज संभव नहीं है। मरीजों को फिलहाल ओट्स सेंटरों में दवा दी जा रही है। अब नए मरीजों के टेस्ट होने के बाद दवा शुरू करने की योजना है। नशे की सप्लाई बंद होने के बाद ज्यादातर लोग नशा छोड़ने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। दवाइयों की सप्लाई पूरा माह आती रहती है और कमी समान नहीं है।
डॉ. अमन सूद, नोडल अफसर, मॉडल नशा छुड़ाओ केंद्र नशा छोड़ने वालों का आंकड़ा
22 मार्च 2020 9617
06 अप्रैल 2020 10087
23 अप्रैल 2020 11418
01 मई 2020 12006
10 मई 2020 12366
01 जून 2020 13058