सरकारी फीस 18 लाख, कालोनाइजर ने दिए सिर्फ चार हजार रुपये, आज शुरू होगी जांच

105 एकड़ में 18 अवैध कालोनियां विकसित करने के मामले में टाउन प्लानिग एंड बिल्डिग एडहाक कमेटी वीरवार से जांच शुरू करेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 04:05 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 04:05 AM (IST)
सरकारी फीस 18 लाख, कालोनाइजर ने दिए 
सिर्फ चार हजार रुपये, आज शुरू होगी जांच
सरकारी फीस 18 लाख, कालोनाइजर ने दिए सिर्फ चार हजार रुपये, आज शुरू होगी जांच

जागरण संवाददाता, जालंधर : कैंट विधानसभा हलके में निगम की हद में एक ही कालोनाइजर के 105 एकड़ में 18 अवैध कालोनियां विकसित करने के मामले में टाउन प्लानिग एंड बिल्डिग एडहाक कमेटी वीरवार से जांच शुरू करेगी। कमेटी की अब तक की जांच में सामने आया है कि कालोनाइजर ने नाममात्र फीस देकर कालोनी को मंजूर करने का आवेदन दिया और प्लाट बेचने के बाद पेंडिग फीस नहीं चुकाई। एक कालोनी के लिए तो सिर्फ चार हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से फीस जमा करवाई गई। इसमें अफसरों की लापरवाही और मिलीभगत भी सामने आ रही है।

कमेटी के चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा और सदस्य सुशील कालिया बिल्डिग ब्रांच की टीम के साथ कैंट में 105 एकड़ में बनी कालोनियों की पैमाइश करेंगे। एडहाक कमेटी ने कालोनाइजर राकेश कुमार की नई विकसित की जा रही कालोनियों को भी चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। कमेटी के पास सूचना है कि राकेश ने करीब 20 कालोनियां और विकसित कर दी हैं। कैंट हलके में कालोनियों का काम तेज है। सिर्फ राकेश ही नहीं कई कालोनाइजर यहां कालोनियां विकसित कर रहे हैं। परागपुर की नई रोड के आसपास भी काम तेज है। एडहाक कमेटी के सदस्य सुशील कालिया ने कहा कि जिन कालोनियों को 105 एकड़ में विकसित किया गया है वह जमीन भी करीब दोगनी बताई जा रही है। ऐसे में मौके पर जाकर पैमाइश होनी जरूरी है। विधायक परगट सिंह का हलका बना अवैध कालोनियां का गढ़

कैंट हलका इस समय अवैध कालोनियों का सबसे बड़ा गढ़ है। उससे भी हैरानीजनक बात ये है कि विधायक परगट सिंह सार्वजनिक तौर पर लगातार अवैध कालोनियों के खिलाफ बयान देते आए हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के चीफ प्रिसिपल सेक्रेट्री सुरेश कुमार की मौजूदगी में भी विधायक ने अवैध कालोनियों का मामला उठाया था। बावजूद उन्हीं के विधानसभा हलके में सबसे ज्यादा कालोनियां विकसित हो रही हैं। अफसरों पर भी होगी कार्रवाई

निर्मल सिंह निम्मा और सुशील कालिया ने कहा कि यह कालोनियां अफसरों की मिलीभगत से ही विकसित हुई हैं। जांच में अफसरों के खिलाफ भी सुबूत जुटाए जाएंगे। इस बात की तैयारी की जा रही है कि कौन सी कालोनी किस समय विकसित हुई और उस समय इन इलाकों में कौन से अधिकारियों की ड्यूटी थी। जो भी अफसर इसके लिए जिम्मेवार रहा होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। 90 फीसद फीस जमा न करवाने वालों की भी जांच तेजी होगी

निगम की टाउन प्लानिग एंड बिल्डिग एडहाक कमेटी ने अवैध कालोनी को मंजूर करवाने के लिए 10 प्रतिशत फीस के साथ आवेदन देने वाले कालोनाइजरों के खिलाफ भी जांच शुरू करने की तैयारी की है। सबसे पहले वह कालोनाइजर निशाने पर आएंगे जिनकी कालोनियां काफी बड़ी हैं। इनसे काफी रेवेन्यू आ सकता है। सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी तैयारी की जा रही है।

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