सुखों दुखों का कारण भगवान नहीं, इंसान बढ़ती इच्छाएं हैं : नवजीत भारद्वाज

जालंधर के मां बगलामुखी धाम में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था लेकिन कोरोना काल में इस पर विराम लग गया।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 01:42 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 01:42 PM (IST)
सुखों दुखों का कारण भगवान नहीं, इंसान बढ़ती इच्छाएं हैं : नवजीत भारद्वाज
मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित हवन यज्ञ के दौरान मौजूद लोग।

जालंधर, जेएनएन। मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से श्री शनिदेव महाराज के निमित्त हवन यज्ञ जो कि नाथां बगीची जेल रोड़ में हो रहा था इस महामारी के कारण वश अल्पविराम आ गया था अब यह हवन पिछले लगभग 6 महीने से मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी में आयोजित किया जा रहा है।

सर्व प्रथम मुख्य यजमान विक्रांत शर्मा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत  पंडित पिंटू शर्मा ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई। इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई।  

हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि आज संसार में भिन्न-भिन्न रूपों में भक्ति हो रही है। सही भक्ति वही है, जो मर्यादा में रहकर की जाए। अनुशासन में रहकर हो। प्रेम भावना से हो। जिस प्रकार भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान जी ने कभी मर्यादा नहीं लांघी। उन्होंने सदैव भगवान का चिंतन, स्मरण और सेवा कार्य बड़े ही मर्यादा में किया। उन्होंने हमेशा शनिदेव को अपना मित्र ही समझा। तभी हनुमान जी की भक्ति करने वाले भक्त पर शनिदेव का प्रकोप नहीं होता। ऐसे ही प्राणी को भी भक्ति करना चाहिए।

नवजीत भारद्वाज ने कहा कि प्रभु परमात्मा का दर्शन पाने के लिए एक सहज अवस्था में भक्ति जरूर करना चाहिए। प्राणी को अपने जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। उन्होने कहा कि हर इंसान के पास परमात्मा की दी हुई सभी शक्तियां हैं। फिर भी इंसान दुखी है। दुखों का कारण उसकी बढ़ती इच्छाएं हैं। शब्द ही दुखों का निवारण है। जिस तरह से इंसान मंदिरों में जाकर घंटियां बजाता है, उस तरह की घंटियां तो हमारे शरीर में हैं। वहीं ध्वनि हमारे अंदर उत्पन्न होती है। हर चीज साइंस है।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमारे ऊपर प्रयोग करते हैं। उनके प्रयोग खुद के दिमाग के कम और जांच में आई रिपोर्ट पर ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसमें सफलता भी मिलती है। उसी प्रकार इंसान अपने खुद के ऊपर प्रयोग करें। इंसान का लक्ष्य माया को पाने का नहीं होना चाहिए, बल्कि माया को बनाने वाले भगवान को पाने का होना चाहिए। इस अवसर पर गुलशन शर्मा, गोपाल मालपानी, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मोहित बहल, अमरेंद्र शर्मा, यज्ञदत्त, मानव शर्मा,  बावा खन्ना, रोहित मल्होत्रा, प्रदीप शर्मा, राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, राकेश, प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, संजीव राणा, सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। सैनीटाइजेशन एवं सोशल डिस्टेंस का खास ध्यान रखा गया।  आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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