परीक्षा के डिप्रेशन में 12वीं की छात्रा ने उठाया था खौफनाक कदम, भाई बोला- कई बार समझाया था

जालंधर के भोगपुर में डिप्स स्कूल में 12वीं की छात्रा ने बीत दिन वीरवार को स्कूल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इन दिनों परीक्षाओं के कारण डिप्रेशन में आकर छात्रा ने यह खौफनाक कदम उठाया है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 11:38 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 11:38 AM (IST)
परीक्षा के डिप्रेशन में 12वीं की छात्रा ने उठाया था खौफनाक कदम, भाई बोला- कई बार समझाया था
जालंधर के भोगपुर में डिप्स स्कूल में 12वीं की छात्रा ने स्कूल की दूसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी।

भोगपुर (जालंधर), जेएनएन। जालंधर के भोगपुर में डिप्स स्कूल में 12वीं की छात्रा ने बीत दिन वीरवार को स्कूल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। बताया जा रहा है कि इन दिनों चल रही परीक्षाओं के कारण डिप्रेशन में आकर छात्रा ने यह खौफनाक कदम उठाया है। सुबह जब स्कूल पहुंची तो छात्रा ने किसी से बात नहीं की थी। मृतका के भाई साहिल ने पुलिस को दिए बयानों में बताया कि अल्पना की इन दिनों परीक्षाएं चल रही। उसका पहला पेपर खराब हुआ था। उसे कई बार समझाया भी था लेकिन उनको क्या पता था कि वह पेपरों को इतना सीरियस ले लेगी।

मृतका की पहचान बिनपल्के गांव की रहने वाली अल्पना पुत्री चरनजील के रूप में हुई। वह गांव में अपनी मां और भाई के साथ रहती थी। मृतका के पिता विदेश में रहते हैं। घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है।
एसएचओ मंजीत सिंह ने बताया कि पीड़िता के भाई के बयानों पर फिलहाल 174 की कार्रवाई की जा रही है।

कोरोना के चलते स्कूल रहे बंद अब हो रही आफलाइन परीक्षाएं, छात्र परेशान
कोरोना काल के दौरान स्कूलों में पढ़ाई बंद रही। बच्चे आनलाइन क्लासेज से जरिए पढ़ाई करते रहे। अब स्कूलों में परीक्षाएं आफलाइन कराई जा रही हैं। स्कूलों में क्लास न चलने के कारण बच्चों की पढाई ठीक से नहीं हो पाई है, ऐसे में बच्चों पर खासा दबाव देखा जा रहा है। कई छात्र संगठन व अध्यापक एसोसिएशन इसका विरोध भी जता चुके हैं लेकिन स्कूलों ने परीक्षाओं को जरूरी बताया है।

मनोचिकित्सक की राय : बच्चों का रखें खास ख्याल
माडल नशा छुड़ाओ केंद्र के प्रभारी और मनोचिकित्सक डा अमन सूद ने बताया कि कोरोना साल सबके लिए कई मायनों में तनाव से भरा रहा है। छात्रों के संदर्भ में बात करें तो अभिभावकों को लगातार उनकी आनलाइन क्लास की मानिटरिंग कर यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि इन क्लासेज से बच्चे को कितना समझ आ रहा है। आनलाइन क्लासेज चलने के चलते छात्रों को अध्यापकों का इमोशनल सपोर्ट नहीं मिल पाता है जिसके चलते माता पिता को ही बच्चों को इमोशनल सपोर्ट देने के साथ-साथ उनकी परेशानियों को समझने की जरूरत बच्चों पर परीक्षा में अच्छे अंक लाने का दबाव ना बनाकर उनकी रुचि को समझते हुए उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने की जरूरत है।

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