श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत बोले- ईसाई समुदाय में बना डेरावाद करवा रहा है सीमांत इलाकों में मतांतरण
अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर सिख पंथ को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत व खास कर पंजाब के सीमांत इलाकों में मतांतरण किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि ईसाई समुदाय में मौजूद डेरावादी पंजाब के सीमांत इलाकों में मतांतरण करवा रहे हैं। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। एसजीपीसी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अलग-अलग सिख संस्थाएं अपने स्तर पर इसके खिलाफ जांच कर रही हैं। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर सिख पंथ को संदेश दे रहे थे।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत मतांतरण के खिलाफ थी। गुरु साहिब के समय के दौरान मुगल हकूमत दहशत डाल कर हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करती थी। इसके खिलाफ गुरु साहिब ने चांदनी चौक में 1675 में शहादत दी थी। आज भी उत्तर भारत व खास कर पंजाब के सीमांत इलाकों में मतांतरण किया जा रहा है। ईसाई समुदाय के लोग बहुत ही चालाकी और योजनाबद्ध ढंग से लालच आदि देकर सिखों और हिंदुओं का मतांतरण कर रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर कुछ ईसाई संगठनों और चर्च के प्रतिनिधि उनको मिलने भी आए थे।
उन्होंने उनको स्पष्ट किया था कि चर्च की ओर से कोई भी मतांतरण का अभियान नहीं चलाया जा रहा है। ईसाई समुदाय में भी अब एक डेरा वाद पैदा हो चुका है। यही डेरावाद सीमांत क्षेत्रों में मतांतरण करवा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें गुरु साहिब की शहादत को याद करते हुए हर तरह के मतांतरण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।