160 वर्षों के सफर में जालंधर बना हमसफर, कपूर परिवार ने शहर को दिया था पंजाब का पहला मल्टीप्लेक्स

Gems of Jalandhar जेएमपी के एमडी बलराम कपूर ने कहा कि उनके परिवार की शहर में तीन फैक्ट्रियां हैं। आज उनकी फैक्ट्रियों में बने आटो पार्ट्स देश व विदेशों में तमाम प्रकार के वाहनों में इस्तेमाल हो रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 06:47 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 06:47 AM (IST)
160 वर्षों के सफर में जालंधर बना हमसफर, कपूर परिवार ने शहर को दिया था पंजाब का पहला मल्टीप्लेक्स
जालंधर की शान जेएमपी के एमडी बलराम कपूर।

जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। मेरे दादा जी रतन चंद 1860 में जब प्लेग फैला था, उस दौरान परिवार के साथ पाकिस्तान से जालंधर शिफ्ट हुए थे। 160 सालों के सफर में यह शहर हमारा हमसफर बना रहा। जालंधर आने के बाद हमने आटो पार्टस बनाने की फैक्ट्री खोली। मेरे पिता जी ने शक्तीपीठ श्री देवी तालाब मंदिर का पुर्निर्माण करवाया था। मंदिर का नक्शा बनाने से लेकर पहला लेंटर उन्होंने डलवाया था। इसके साथ ही पुराने दौर में पंजाब का पहला मल्टीप्लेक्स लाल रतन सिनेमा कांप्लेक्स भी हमारे परिवार ने बनवाया था। यह पंजाब का पहला सिनेमा था जिसमें एक बड़ा सिनेमा हाल व एक मिनी सिनेमा के अलावा कांप्लेक्स में दुकानें बनाई गई थी। दूर-दूर से लोग यहां पर फिल्में देखने आते थे। इसका नाम भी दादा जी के नाम रतन चंद जी के नाम पर लाल रतन रखा गया था।

हमारा 16 भाई-बहनों का संयुक्त परिवार होता था। सभी ने एकजुट होकर काम किया। शहर में तीन फैक्ट्रियों का निर्माण किया। हजारों लोगों को रोजगार दिया। आज हमारी फैक्ट्रियों में बने आटो पार्टस देश व विदेशों में तमाम प्रकार के वाहनों में  इस्तेमाल हो रहे हैं। जेसीबी मशीन, सीएनएच मशीन, सड़कों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न प्रकार की छोटी व बड़ी मशीनों के पार्टस, ट्रैक्टर्स के पार्टस, स्वराज, टाटा, मारुति जैसी कंपनियों के लिए हमारी कंपनी आटो पार्टस का निर्माण कर  रही है। हमने गुणवत्ता से कभी भी समझौता नहीं किया। हमने लोहे की गुणवत्ता को जांचने के लिए विशेष तौर पर लैब का निर्माण किया है। इस हाईटैक लैब में हर प्रकार के लोहे की शुद्धता जांच की जा सकती है।

युवाओं को सब्र रखना होगा

आज के युवाओं में सबसे बड़ी कमी सब्र की दिखाई दे रही है। वह सब्र के साथ काम नहीं करते हैं। छोटी-छोटी चीजों नें खुशी ढूंढते हैं। वह यह भूल जाते हैं कि जिन छोटी-छोटी बातों में वह खुशी ढूंढ रहे हैं उनमें कुछ नहीं रखा है। युवा बड़ी-बड़ी कारों से पीछे सपने देखते हैं। उन्हें यह नहीं पता कि वह कार ले भी लेंगे तो वह उनके दोस्त नहीं दुश्मन बनाएगी। उनके दूसरे दोस्त उसी कार की वजह से रहेंगे तो साथ, लेकिन अंदर से दुुश्मनी रखने लगेंगे। युवाओं को असली खुशी अपने परिवार व अभिभावकों में ढूंढनी चाहिए। उनके बताए रास्ते पर चलें, जिंदगी सुधर जाएगी।

संयुक्त परिवार सबसे अच्छी व्यवस्था

बलराम कपूर कहते हैं कि संयुक्त परिवार सबसे अच्छी व्यवस्था है। इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। देश में भर में आप देख लें सबसे ज्यादा तरक्की करने वाले लोगों के परिवार संयुक्त ही हैं। संयुक्त परिवार में दुनियादारी की तमाम बातों की ट्रेनिंग अपने-आप मिलती रहती है। जब आप किसी काम के लिए बाजार में निकलते हो हर तरह से बाजार को फेस करने के लिए तैयार रहते हो। अगर कभी समय खराब हुआ तो परिवार के बाकी सदस्य आपको संभाल लेते हैं।

पूरा शहर परिवार की तरह है

मेरे लिए पूरा जालंधर एक परिवार की तरह है। इस शहर की सबसे अच्छी बात मुझे यही लगती है। मैं जालंधर में कहीं भी रहता हूं किसी के पास भी रहता हूं तो लगता है कि अपने परिवार के साथ हूं। आदमपुर एयरपोर्ट को बनवाने के मामले में हमने देखा कि कैसे धीरे-धीरे सभी एकमंच पर एकत्र हो गए और हमने मिलकर एयरपोर्ट बनाने का सपना पूरा कर लिया। जालंधर में सबसे बुरी चीज यहां की साफ-सफाई की व्यवस्था है। इसे सही करने के लिए हमे एक होना पड़ेगा। हमने जेएमपी पार्क का सुंदरीकरण करवाया है। 

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