Ganesh Chaturthi 2021 : आज चंद्रमा को देखने से करें परहेज, धार्मिक दृष्टि से ये है खास कारण
जालंधर में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश का सिर कटने के बाद उनके पिता भगवान शिव ने उनके धड़ पर गजानन मुख लगा दिया था। इस कारण वह गजानन भी कहलाए जाते हैं।
जालंधर [शाम सहगल]। सिद्धिविनायक भगवान श्री गणेश पर जहां धार्मिक स्थान तथा घरों में गजानन की मूर्ति प्रतिष्ठा करने की परंपरा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इस दिन चंद्रमा देखने से परहेज करना चाहिए। धार्मिक दृष्टि से ऐसा करना इंसान के लिए हानिकारक बताया गया है। बताया जाता है कि श्री गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा का दीदार करने से इंसान को आरोपों तथा मान की हानि का सामना करना पड़ता है। ऐसा युगों-युगांतर से चला आ रहा है। जिसकी पालना करनी चाहिए।
भगवान श्री गणेश ने चंद्रमा को दिया था श्राप
श्री गणेश चतुर्थी को लेकर प्रचलित पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान श्री गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। जिसके तहत ऐसा करने से परहेज करना चाहिए। इस बारे में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ बताते हैं कि धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश का सिर कटने के बाद उनके पिता भगवान शिव ने उनके धड़ पर गजानन मुख लगा दिया था। इस कारण वह गजानन भी कहलाए जाते हैं। भगवान शिव के इस कार्य तथा प्रयास से सभी देवताओं ने उनकी स्तुति की थी जबकि चंद्रमा अपनी सुंदरता पर अभिमान करते हुए इस घटनाक्रम पर मंद-मंद मुस्कुराने लगे।
चंद्रमा की इस मुस्कुराहट को समझते हुए भगवान श्री गणेश ने क्रोध में आकर चंद्रमा को श्राप दे दिया। जिसके तहत चंद्रमा में अपनी खूबसूरती को खो दिया। भगवान श्री गणेश की महिमा को देखते हुए तथा अपनी भूल का अहसास होने पर चंद्रमा ने भगवान गणेश से क्षमा मांगी। इस पर भगवान श्री गणेश ने उन्हें माफ तो कर दिया लेकिन साथ ही श्री गणेश चतुर्थी पर चांद का दीदार करने वालों को दंड का प्रावधान निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करने वालों को यह दंड भुगतना होगा।
सिद्धिविनायक पूजा विधि
- भगवान श्री गणेश की प्रतिमा का पंचामृत स्नान करवाएं।
- नए वस्त्र तथा श्रृंगार करें।
- तिलक तथा धूप जलाएं।
- भगवान श्री गणपति गणेश को उनके पसंदीदा व्यंजन लड्डू का भोग लगाएं।
- भगवान श्री गणेश के विचारों का उच्चारण करें।