जालंधर के रंधावा मसंदा में फ्री आयुर्वेदिक कैंप आयोजित, अधरंग, गठिया व चमड़ी के 70 रोगियों ने करवाया इलाज

जालंधर में दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज व अस्पताल द्वारा फ्री आयुर्वेदिक कैंप लगाया गया। डा. सूद ने बताया कि अधरंग चमड़ी के रोग तथा गठिया का आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है तथा किसी अन्य चिकित्सा पद्धति में इन बीमारियों का इतना कारगर इलाज संभव नहीं हो पाया है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 05:02 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 05:02 PM (IST)
जालंधर के रंधावा मसंदा में फ्री आयुर्वेदिक कैंप आयोजित, अधरंग, गठिया व चमड़ी के 70 रोगियों ने करवाया इलाज
जालंधर के रंधावा मसंदा में मुफ्त मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया।

जागरण संवादाता, जालंधर। जालंधर में दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज तथा अस्पताल द्वारा गांव रंधावा मसंदा में फ्री आयुर्वेदिक कैंप लगाया गया। रंधावा मसंदा तथा आसपास के गांवों के अधरंग, गठिया तथा चमड़ी के लगभग 70 रोगियों का निदान तथा मुफ्त इलाज किया गया। गांव रंधावा मसंदा के श्री कृष्ण मंदिर में कैंप का आयोजन करने के लिए प्रबंध किया। दयानंद आयुर्वेदिक अस्पताल के प्रिंसिपल डा. संजीव सूद ने बताया कि दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज ने पांच गांवों को चिकित्सा उपलब्ध करवाने की दृष्टि से अपना रखा है। डा. सूद ने बताया कि अधरंग, चमड़ी के रोग तथा गठिया का आयुर्वेद में बहुत अच्छा इलाज है तथा किसी अन्य चिकित्सा पद्धति में इन बीमारियों का इतना कारगर इलाज संभव नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद में पंचकर्म, जड़ी बूटियों, योग तथा प्राणायाम के माध्यम से इन रोगों का कारगर इलाज संभव है।

कैंप में डा. अश्विनी कुमार, डा. प्रवीण कुमार तथा एम डी पंचकर्म की छात्राएं डा. रेखा, डा. अलका, डा. रितिका तथा डा. नेहा ने मरीजों के इलाज में योगदान दिया। कैंप में खून जांच की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई थी। इस मौके पर केके शर्मा, अमिता शर्मा, अंजू बाला, सरपंच महिंदर लाल, नंबरदार जुगल किशोर, नंबरदार जगीर सिंह, नंबरदार कुलदीप सिंह, इंडस्ट्रियलिस्ट मुनीश गुप्ता, आयुर्वेदिक मेडिकल अफसर रंधावा मसंदा डा. हेमंत मल्होत्रा के अलावा इलाका निवासी मौजूद थे।

कैंप के संयोजक डा. अश्वनी कुमार शर्मा ने मरीजों को बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने की वर्षगांठ पर जो आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है उसके तहत गांवों में इस  कैंप लगाने का आयोजन किया जाएगा। गांव के किसानों को विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों की खेती के लिए भी प्रेरित किया गया ताकि आने वाले समय में उत्तम गुणवत्ता युक्त जड़ी बूटियां खेतों से प्राप्त हो सके तथा मरीजों का पूरा इलाज हो सके।

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