सहपाठी को DSP बनाने का लालच देकर 12 लोगों ने ठगे साढे तीन करोड़ Jalandhar News

आरोपितों में संत नगर निवासी चंदन चोपड़ा और किशनपुरा निवासी पुनीत रल्हण पीड़ित के बेटे के सहपाठी रहे हैं।

By Edited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 01:42 AM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 05:00 PM (IST)
सहपाठी को DSP बनाने का लालच देकर 12 लोगों ने ठगे साढे तीन करोड़ Jalandhar News
सहपाठी को DSP बनाने का लालच देकर 12 लोगों ने ठगे साढे तीन करोड़ Jalandhar News

जेएनएन, जालंधर। तहसील काम्प्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले के बेटे को सीधा डीएसपी बनाने का झांसा देकर साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगने के मामले में पुलिस ने दस लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोपितों में संत नगर निवासी चंदन चोपड़ा और किशनपुरा निवासी पुनीत रल्हण पीड़ित के बेटे के सहपाठी रहे हैं।

कृष्णा कॉलोनी, नीला महल निवासी राजिंदर पाल कपूर के बयानों के मुताबिक आरोपित 12 लोगों का गिरोह बना कर ठगी कर रहे थे और चार साल से उनको धोखे में रख कर साढ़े तीन करोड़ रुपये ले गए। इस गिरोह के तार यूपी तक जुड़े हुए थे, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। पुलिस ने बयानों के आधार पर चंदन और पुनीत के साथ-साथ तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस को भी नामजद कर लिया है। वहीं बठिंडा निवासी जगसीर सिंह और भार्गव कैंप निवासी शमशेर सिंह को जांच में शामिल किया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस को दिए बयान में रा¨जदर ने बताया कि चंदन और पुनीत उसके बेटे विंशू के साथ पढ़ते थे। 2015 को उन्होंने विंशू को बातों में लेकर सीधा डीएसपी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने 2015 में उनके बेटे से 50 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद उसे दिल्ली में ले जाया गया जहां पर उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर साबित किया कि उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है।

इसके बाद लगातार पैसों की मांग करते रहे और कई बार फर्जी दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ले लिए जिसमें 10 लोग और शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में एक सपना नाम की लड़की भी शामिल थी जिसे सरकारी कर्मी बता कर उसके जरिए सारा काम करवाने की बात कही जाती थी। चार साल बाद भी उनके बेटे को डीएसपी नहीं बनाया गया और न पैसे वापिस किए गए।

चंदन, जगसीर और शमशेर हुए जांच में शामिल

पुनीत के पिता ने कहा, बेटा लापता मामले में नामजद हुए चंदन ने अंग्रेजी में टाइप हुआ बयान दिया और जांच में शामिल हो गया। वहीं शमशेर और जगसीर ने खुद पहुंच कर अपने बयान दर्ज करवाए। पुनीत के पिता किशन कुमार ने जांच में शामिल होकर बताया कि उनका बेटा ढाई महीने से घर नहीं आया और करीब 22 दिन से उनके संपर्क में भी नहीं है। उनका कहना था कि जैसे ही बेटा उनके संपर्क में आएगा तो उसे जांच में शामिल करवा लिया जाएगा।

सिंडीकेट बस का कंडक्टर जगसीर देकर गया था पार्सल, जिसमें थी वर्दी!

राजिंदर के बयानों के मुताबिक मामले में शामिल हुए जगसीर सिंह, जोकि सिंडीकेट बस का कंडक्टर है, ने उनको 2016-17 को पुनीत रहलण के कहने पर एक पार्सल दिया था जिसके बारे में खुद उसे कुछ नहीं पता था। लेकिन बताया जा रहा है कि उस पार्सल में पुलिस की वर्दी थी, जो यह दिखाने के लिए दी गई कि यही वर्दी उनके बेटे के डीएसपी बनने के बाद मिलनी है। वहीं शमशेर सिंह ने बयान दिया है कि वो 2014 को दुबई से लौटा था जिसके सारे दस्तावेज भी उसने लगा दिए हैं। ऐसे में दोनों को जांच तफ्तीश में शामिल किया गया है। वहीं बाकी लोगों को पुनीत और चंदन के जरिए बुलाया जाएगा।

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अभी तक की जांच में सामने आया कि डीएसपी बनाने के नाम पर साढ़े तीन करोड़ ठगे गए हैं। इसी आधार पर दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इससे आगे अब जांच शुरू की जाएगी और सारे तथ्यों को ध्यान में रखा जाएगा।

अभी के बयानों में आइपीएस बनाने का झांसा देने का जिक्र नहीं है लेकिन जांच के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है। केस दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा और जांच में सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। गुरमीत सिंह किंगरा, एडीसीपी इन्वेस्टीगेशन

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