पुलिस वालों की पोल खोलने सीपी दफ्तर पहुंचे पूर्व तस्कर को उठाया, फिर यूं हुआ हंगामा

पुलिस कमिश्नर दफ्तर में दो पुलिसवालों की पोल खोलने पहुंचे पूर्व नशा तस्कर को उठा लिया गया। बाद में पुलिस कमिश्नर भुल्लर ने हस्तक्षेप कर उसे छुड़ाया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 11:18 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 03:21 PM (IST)
पुलिस वालों की पोल खोलने सीपी दफ्तर पहुंचे पूर्व तस्कर को उठाया, फिर यूं हुआ हंगामा
पुलिस वालों की पोल खोलने सीपी दफ्तर पहुंचे पूर्व तस्कर को उठाया, फिर यूं हुआ हंगामा

सुनील प्रभाकर, जालंधर। पुलिस कमिश्नर दफ्तर में वीरवार को दो पुलिस वालों की पोल खोलने आए पूर्व नशा तस्कर को दोनों पुलिस वालों ने कमिश्नर दफ्तर से ही उठा लिया। पूर्व नशा तस्कर के मुताबिक एडीसीपी-टू सुडरविली के करीबी दोनों पुलिस वाले नशा तस्करों की दुनिया में जय-वीरू के नाम से प्रसिद्ध हैं। लाखों रुपये लेकर नाकों से चिïट्टा पार करवाते हैं।

मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने पूर्व नशा तस्कर को पुलिस वालों के कब्जे से छुड़वाया। साथ ही मामले की जांच डीसीपी क्राइम को सौंप दी। घटना वीरवार शाम 5 बजे की है। पुलिस कमिश्नर दफ्तर में पूर्व नशा तस्कर टोनी शिव सेना बालठाकरे के पंजाब प्रवक्ता सुभाष गोरिया के साथ पहुंचा। दोनों तस्करी में शामिल रही शहर के दो पुलिसवालों की 'जय-वीरू' के नाम से प्रसिद्ध जोड़ी की पोल खोलने आए थे।

टोनी गोरिया की गाड़ी में ही बैठा था। गोरिया पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर से मिलने चले गए। उसी समय कथित 'वीरू' अपने पुलिस साथियों के साथ आया और टोनी को जबरन उठाकर ले गया। इसका पता चलते ही सीपी भुल्लर ने डीसीपी क्राइम को तत्काल कारवाई के लिए कहा। पता चला कि थाना कैंट की पुलिस के साथ कथित 'जय' ने मिलकर टोनी को उठाया है। फिर सीपी ने टोनी को पुलिस के कब्जे छुड़वाया। साथ ही डीसीपी को पूरे मामले की जांच सौंप दी।

टोनी ने किए सनसनीखेज खुलासे
चिट्टा तस्करों से दोनों को मिले 25-25 लाख : डीसीपी क्राइम गुरमीत सिंह को टोनी ने बताया कि 'जय-वीरू' की जोड़ी को चिट्टा तस्करों ने 25-25 लाख की लग्जरी गाडिय़ां गिफ्ट की हैं। दोनों पुलिस की पायलट गाडिय़ों में नाकों से चिट्टे की खेप पार करवाते थे। बदले में इन्हें इनका हिस्सा तस्करों की तरफ से दिया जाता था। अभी भी दोनों तस्करी करते हैं।
 

बस्तियों में करते रहे हैं शराब की तस्करी 

टोनी ने यह भी आरोप लगाया कि जालंधर की बस्तियों में 'जय-वीरू' उसके साथ मिलकर भी लंबे समय तक शराब तस्करी करवाते रहे हैं। अवैध शराब की तस्करी में तीनों हिस्सेदार थे। बाद में हिस्से को लेकर विवाद हो गया और दोनों ने अवैध कमाई के 40 लाख डकार लिए। बाद में उसने तस्करी छोड़ दी। अपना हिस्सा मांगने पर उसे पांच अलग-अलग मामलों में फंसा दिया।


भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का भी आशीर्वाद 

टोनी ने कहा-साधारण वेतन लेने वाले 'जय-वीरू' हर महीने 3 लाख की महंगी ब्रांडेड शराब ही पी जाते हैं। कुछ भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों का इनके सिर पर आशीर्वाद है, जिस कारण इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती।


एडीसीपी सुडरविली ने कहा, दोनों के खिलाफ सुबूत मिले तो होगी कड़ी कार्रवाई

एडीसीपी-टू सुडरविली ने कहा कि उन्होंने जिंदगी में कभी भी नशा तस्करी में शामिल पुलिस वाले को संरक्षण नहीं दिया। आरोपित उनके स्पेशल स्टाफ में शामिल नहीं हैं। उनकी छवि को खराब करने के लिए दोनों को उनके स्टाफ का बताकर झूठी अफवाह उड़ाई जा रही है। अगर दोनों के खिलाफ सबूत मिलते हैं सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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