जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी हैं चन्नी के करीबी रिश्तेदार, खुल सकती है पावर में लौटने की राह

वर्ष 2014 में होशियारपुर से लोकसभा और वर्ष 2017 में आदमपुर से विधानसभा चुनाव हारने के बाद जालंधर के पूर्व सांसद केपी घरवापसी के लिए परेशान हैं। अगर नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी केपी को आगे लाते हैं तो दोआबा की दलित राजनीति नया रूप ले सकती है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:01 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:08 AM (IST)
जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी हैं चन्नी के करीबी रिश्तेदार, खुल सकती है पावर में लौटने की राह
जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी की फाइल फोटो।

जासं, जालंधर। पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी करीबी रिश्तेदार हैं। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हाशिये पर चल रहे पूर्व मंत्री केपी फिर से पावर में आ सकते हैं। केपी वर्ष 2009 में जालंधर लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर विजयी रहे थे। केपी को 2014 में कैप्टन के चलते जालंधर शहर छोड़ना पड़ा था। लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काटकर चौधरी संतोख सिंह को दे दिया गया था। उन्हें होशियारपुर भेज दिया गया था। कांग्रेस ने उन्हें होशियारपुर से टिकट दिया था। जहां भाजपा के विजय सांपला के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें वेस्ट हलके से हटाकर आदमपुर भेज दिया गया था।

दोनों चुनाव हारने के बाद केपी घरवापसी के लिए परेशान हैं। चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद केपी का कद पार्टी में बड़ा होना तय है। अगर चन्नी करीबी रिश्ते व शांत स्वभाव वाले केपी को आगे लाते हैं तो दोआबा की दलित राजनीति का केपी नया चेहरा हो सकते हैं।

दोआबा में कांग्रेस की दलित सियासत के बड़े चेहरे हैं चौधरी

दोआबा में कांग्रेस की दलित राजनीति अभी तक चौधरी परिवार तक सीमित थी। जब तक चौधरी जगजीत सिंह जीवित रहे, उन्हें कैबिनेट में स्थान दिया जाता रहा है। उनकी मौत के बाद कैप्टन ने तमाम विरोध के बाद भी उनके बेटे चौधरी सुरेंदर सिंह को टिकट दिलवाया था। उन्होंने चौधरी परिवार में बैलेंस करके संतोख चौधरी को भी लोकसभा का टिकट दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी। दो बार सांसद बनने के बाद चौधरी संतोख सिंह का कद भी काफी बढ़ गया है। नतीजतन सुरेंदर चौधरी ने कैप्टन का साथ छोड़कर सिद्धू का दामन थाम लिया था।

अब सिद्धू की जगह चन्नी मुख्यमंत्री होंगे। इसलिए देखना होगा कि चन्नी दोनों परिवारों में बैलेंस की राजनीति लेकर चलते हैं या सुरेिंदर को मंत्रिमंडल में जगह देते हैं। फिलहाल सुरिंदर सिंह चौधरी काफी जूनियर हैं और पहली बार विधायक बने हैं।

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