फोकल प्वाइंट, लेदर व सर्जिकल कांप्लेक्स नगर निगम को हैंडओवर होंगे
शहर के चार बड़े इंडस्ट्रीयल जोन और दो रिहायशी कालोनियां जल्द ही नगर निगम को हैंडओवर होंगी।
जागरण संवाददाता, जालंधर : शहर के चार बड़े इंडस्ट्रीयल जोन और दो रिहायशी कालोनियां जल्द ही नगर निगम को हैंडओवर होंगी। इंडस्ट्रीयल कांप्लेक्स पंजाब स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एंड एक्सपोर्ट कार्पोरेशन (पीएसआईईसी) ने विकसित किए थे जबकि रिहायशी कॉलोनियों पुडा ने डेवलप की थी। पीएसआईईसी ने फोकल प्वाइंट, फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन, लेदर कांप्लेक्स और सर्जिकल एंड स्पोर्ट्स गुड्स कांप्लेक्स नगर निगम को ट्रांसफर करने के प्रोसेस पर काम शुरू कर दिया है जबकि पुडा ने छोटी बारादरी पार्ट वन और छोटी बारादरी पार्ट 2 निगम को ट्रांसफर करने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी इंडस्ट्रियल जोन की डिटेल रिपोर्ट बनाई जा रही है। दोनों रिहायशी कालोनियों और चारों इंडस्ट्रीयल जोन में 100 प्रतिशत सड़कें बनाने के बाद ही निगम को सौंपा जाना है। सड़क निर्माण का काम चल रहा है। पीएसआईईसी इन इंडस्ट्रीयल कांप्ले सों को नगर निगम को हैंडओवर करने के समय एकमुश्त फीस भी देगा। ऐसा ही पुडा भी दोनों रिहायशी कालोनियों को ट्रांसफर करने के समय करेगा। इसमें सीवरेज चार्जेस और मेंटीनेंस का फंड शामिल है। नगर निगम कमिश्नर करनेश शर्मा ने कहा कि इन इलाकों में काफी काम नगर निगम के हाथ है लेकिन अभी तक यह रेजीडेंशियल और इंडस्ट्रियल कॉलोनियां नगर निगम को ट्रांसफर नहीं हुई है। ऐसे में सीवरेज बिल, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से जुड़ी फीस निगम को नहीं मिल रही है। जब यह कालोनी और इंडस्ट्रियल जोन निगम के अधिकार क्षेत्र में आ जाएंगे तो यहां से बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन संबंधी सभी फैसले निगम ले सकेगा। फिलहाल इन सभी जगह से प्रापर्टी टैक्स निगम को मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि लेदर कांप्लेक्स और फोकल प्वाइंट के कॉमन एफुलेंट ट्रीटमेंट प्लांट के आपरेशन एंड मेंटीनेंस का काम पीएसआईईसी के जिम्मे ही रहेगा।
--------- फोकल प्वाइंट : 150 एकड़, 200 प्लाट
फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन : 216 एकड़, 355 प्लाट
लेदर कांप्लेक्स : 24 एकड़, 55 प्लाट
सर्जिकल कांप्लेक्स : 70 एकड़ 100 प्लाट इंडस्ट्री का फायदा
- नगर निगम को हैंडओवर करने से पहले सभी विकास कार्य होंगे और तेजी से होंगे।
- निगम के राजनीतिक ढांचे पर प्रभाव से उद्योगपतियों के लिए काम करवाना आसान
- सीवरेज सिस्टम को इस्तेमाल करने में किसी तरह की रुकावट नहीं रहेगी
- स्ट्रीट लाइट, पानी की सप्लाई, सड़क की मेंटिनेंस के लिए दबाव बना सकेंगे
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इंडस्ट्री का नुकसान
- पीएसआईईसी के नियमों के बजाय निगम की नियम लागू होने से मुश्किलें बढ़ेंगी।
- बिल्डिंग बनाने के लिए निगम के सिस्टम की परेशानी झेलनी पड़ेगी।
- इन कांप्लेक्सों में रेहड़ियों-फड़ियों को छूट मिलने का खतरा।
- निगम स्टाफ की कमी से इन इलाकों की मेंटीनेंस के काम पर खतरा बना रहेगा
-------------- इंडस्ट्री की सहमति के बिना न हो काई फैसला : सग्गू
जालंधर इंडस्ट्रीयल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के प्रधान नरिदर सिंह सग्गू ने कहा कि चारों इंडस्ट्रीयल जोन को नगर निगम को हैंडओवर करने के लिए अगर कोई प्रोसेस चल रहा है तो संबंधित विभाग एक बार इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से जरूर बात करें। सभी इंडस्ट्रीयल जोन में कोई भी रेहड़ी-फड़ी वाला काम नहीं कर सकता। ऐसा होने पर पीएसआईईसी तुरंत केस दर्ज करवाता है लेकिन निगम के अपने नियम हैं, इसलिए उद्योगपतियों की सहमति के बिना कोई भी निर्णय नहीं होना चाहिए।
छोटी बारादरी भी निगम के पास आएगी
पुडा की विकसित की गई छोटी बारादरी के पार्ट वन और पार्ट टू भी निगम को ट्रांसफर करने की तैयारी चल रही है। निगम कमिश्नर व पुडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर करनेश शर्मा ने कहा कि इन दोनों कालोनियों में सड़कों का 100 प्रतिशत निर्माण करके निगम को कालोनियों हैंडओवर की जाएंगी। निगम को सीवरेज कनेक्शन चार्जेस और मेंटीनेंस के लिए एकमुश्त राशि दी जाएगी। पुडा के अफसर इसका आकलन कर रहे हैं कि कुल कितना पैसा निगम को दिया जाना है। इन कालोनियों में विकास कार्य आसान हो सकते हैं क्योंकि पार्षदों को वोटरों को भी खुश करना होता है। -----
प्राइवेट कालोनियों पर पुडा नरम
पुडा से मंजूरी लेकर विकसित की गई प्राइवेट प्रमोटरों की कालोनियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। करीब 30 से ज्यादा कालोनियां को पिछले सालों में प्रमोटरों ने विकसित किया है। यह निगम को ट्रांसफर नहीं हो रही है क्योंकि पुडा की कई शर्तें पूरी नहीं की गई हैं। ऐसे में इन कालोनियों में रहने वाले लोग मुश्किलें झेल रही हैं। इन कालोनियों में पानी की सप्लाई, सड़कों, स्ट्रीट लाइट्स जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं। पुडा के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर करनेश शर्मा ने कहा कि प्राइवेट प्रमोटरों पर सख्ती करेंगे।