पांच महीने लोगों को बचाया, पॉजिटिव हुए तो कोरोना को मात देकर फिर ड्यूटी पर डटे एसीपी हरसिमरत
कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर पांच महीने तक लोगों को बचाते रहे।
अंकित जुनेजा, जालंधर
कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर पांच महीने तक जंग लड़ते हुए लोगों को बचाते रहे। फिर खुद पॉजिटिव हुए, लेकिन इसे मात देते हुए फिर से लोगों को इससे बचाने के लिए ड्यूटी पर डट गए। हम बात कर रहे हैं एसीपी सेंट्रल हरसिमरत सिंह की, जिन्होंने करीब 15 दिन कोरोना के चलते होम क्वारंटाइन रहने के बाद ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। उनका कहना है कि कोरोना को हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर पॉजिटिव आ भी गए तो इसे हराना ज्यादा मुश्किल नहीं है। हमें खुद को मानसिक तौर पर मजबूत रखना चाहिए और डॉक्टर ने जो सावधानियां व इलाज बताया, उसे ही फॉलो करना चाहिए।
पुलिस कमिश्नरेट में एसीपी सेंट्रल का अहम पद होने की वजह से पीपीएस अधिकारी हरसिमरत सिंह को हर वक्त फील्ड में रहना पड़ा। कर्मचारियों को भी प्रेरित करते रहे और सरकारी नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को भी समझाते रहे। कोई बड़ी आपराधिक घटना हो जाती तो खुद भीड़ में जाना पड़ता। अगस्त के अंतिम सप्ताह में उन्हें तीन दिन बुखार रहा। तापमान 103 डिग्री तक पहुंच गया तो टेस्ट कराने पर वो 31 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव आ गए। इसके बाद वह होम क्वारंटाइन रहे। घर का खाना खाया। साथ में नारियल पानी, संतरा आदि का जूस पीया। शुरुआत में 5-6 दिन शरीर में दर्द रहा और कमजोरी भी हो गई तो आराम किया। हफ्ते बाद कुछ राहत मिली तो शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए योग किया। इसके बाद पनीर, अंडे जैसी हाई प्रोटीन डाइट शुरू कर दी। उनका कहना है कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूर बरतें। स्टीम लेते रहें, ताकि सीने में कोई दिक्कत न हो। लोग घर से बाहर जाते हुए मास्क पहनें, शारीरिक दूरी रखें और बार-बार हाथ जरूर धोते रहें।