पांच सौ व हजार के स्टांप खत्म, रजिस्ट्री फीस के नाम पर सरकारी लूट

मनीष शर्मा जालंधर जिले में रजिस्ट्री की फीस के लिए लगने वाले स्टांप के नाम पर सरकारी लूट हो रही है। खजाना दफ्तर में 500 व एक हजार के स्टांप खत्म हैं तबकि 100 व 50 के सीमित संख्या में दिए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को पांच व दस हजार के स्टांप से ही फीस चुकानी पड़ रही है। स्टांपफरोश इसको लेकर लोगों की परेशानी अफसरों तक भी उठा चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं हुआ। अधिकारी स्टांप की छपाई बाहर होने की वजह से सप्लाई न आने की बात कह पल्ला झाड़ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटी राशि की रजिस्ट्री कराने वाले लोगों पर पड़ रहा है जिन्हें फिर छोटे न मिलने पर बड़े स्टांप लगाने को ही मजबूर होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 01:06 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 07:39 AM (IST)
पांच सौ व हजार के स्टांप खत्म, रजिस्ट्री फीस के नाम पर सरकारी लूट
पांच सौ व हजार के स्टांप खत्म, रजिस्ट्री फीस के नाम पर सरकारी लूट

मनीष शर्मा, जालंधर

जिले में रजिस्ट्री की फीस के लिए लगने वाले स्टांप के नाम पर सरकारी लूट हो रही है। खजाना दफ्तर में 500 व एक हजार के स्टांप खत्म हैं जबकि 100 व 50 के सीमित संख्या में दिए जा रहे हैं। ऐसे में लोगों को पांच हजार व दस हजार के स्टांप से ही फीस चुकानी पड़ रही है। स्टांपफरोश इसको लेकर लोगों की परेशानी अफसरों तक भी उठा चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं हुआ। अधिकारी स्टांप की छपाई बाहर से होने की वजह से सप्लाई न आने की बात कह पल्ला झाड़ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटी राशि की रजिस्ट्री कराने वाले लोगों पर पड़ रहा है, जिन्हें फिर छोटे स्टांप न मिलने पर मजबूरन बड़े स्टांप लगाने पड़ रहे हैं। - ऐसे समझें समस्या

सरकार की तरफ से स्टांप फरोशों को 50, 100, 500, एक हजार, पांच हजार व दस हजार के स्टांप उपलब्ध कराए जाते हैं, जो रजिस्ट्री के लिए काम आते हैं। जब से क‌र्फ्यू खत्म कर लॉकडाउन लागू किया गया और रजिस्ट्री की सेवा शुरू की गई, तब से ही खजाने में पांच सौ व हजार के स्टांप नहीं हैं। ऐसे में दिक्कत यह है कि अगर किसी की रजिस्ट्री की राशि 9500 बनती है तो उसे दस हजार का ही स्टांप लगाने को मजबूर होना पड़ता है, क्योंकि पांच हजार के बाद 4500 के उसे हजार व पांच के स्टांप नहीं मिलते और 50 व सौ के स्टांप इतनी अधिक संख्या में दिए नहीं जाते। यही हालात बीस हजार तक में होने वाली सभी रजिस्ट्री के साथ है। - 20 हजार से ऊपर की नहीं दिक्कत

अगर किसी की रजिस्ट्री की फीस 20 हजार से अधिक है तो उनके लिए कोई दिक्कत नहीं है। इन रजिस्ट्रियों के लिए सरकार पहले ही ई-स्टांप सुविधा शुरू कर चुकी है। वो ऑनलाइन ई-स्टांप खरीद सकते हैं। उन्हें छोटे स्टांप की जरूरत नहीं पड़ती। यहां होती हैं रजिस्ट्रियां

जिले में जालंधर-वन, टू, शाहकोट, नकोदर, फिल्लौर, गोराया, नूरमहल, लोहियां, मेहतपुर, आदमपुर, भोगपुर व करतारपुर तहसील व सब तहसील में रजिस्ट्रियां होती हैं। पहले ही परेशान, अब और नुकसान : करनवीर

- स्टांप बिक्री का काम करने वाले करनवीर सिंह कहते हैं कि कई बार अधिकारियों के समक्ष मांग उठा चुके हैं लेकिन वो पीछे से सप्लाई न होने की बात कहते हैं। पहले ही सरकार ने हमसे 20 हजार के ऊपर के स्टांप बेचने का काम बंद करा दिया, अब छोटे स्टांप न आने से बाकी काम में भी ठप हो रहा है। बड़ी कीमत के लिए छोटे स्टांप लगाने से सरकार को भी नुकसान हो रहा है, उन्हें इन्हें ज्यादा छापने पड़ेंगे। जैसे, चार हजार के लिए एक-एक हजार के चार स्टांप की जगह सौ-सौ के 40 लगाने पड़ रहे हैं। लगातार कर रहे संपर्क

- स्टांप की कमी को लेकर सरकार व वित्त विभाग को बता चुके हैं। उन्होंने 500 व 100 के कुछ स्टांप हमें कपूरथला से मंगवाकर दिए हैं लेकिन पर्याप्त सप्लाई नहीं है। लुधियाना डिपो से पूरे पंजाब को स्टांप भेजे जाते हैं लेकिन वहां भी स्टांप खत्म हैं। हम हर महीने मांग भेज रहे हैं ताकि समस्या को दूर कर सकें।

हरमिदर कौर, जिला खजाना अफसर। - पंजाब में स्टांप महाराष्ट्र के नासिक से छपकर आते हैं। मार्च के अंत में हमने स्टांप मंगवाने थे लेकिन अचानक लॉकडाउन हो गया। अब भी महाराष्ट्र में कोरोना के इतने केस हैं कि प्रिटिग प्रेस नहीं खुल रही। स्टांप छपे भी हुए हैं लेकिन कोरोना के हालात देख अभी कोई वहां जाने को भी तैयार नहीं। फिर अलग-अलग राज्यों की वजह से भी आने-जाने की औपचारिकताएं भी करनी होंगी। यह स्थिति कब खत्म होगी? अभी कुछ नहीं कह सकते। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्दी हमें डिपो पर सप्लाई मिल जाए।

रछपाल सिंह, स्टांप नोडल अफसर, पंजाब ।

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