Fathers Day Special: पिता ने निभाई मां की भूमिका, खुद से अधिक रखा परिवार का ख्याल

बदलते परिवेश में अपनों से दूर होते समाज के बीच शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति राजेश जैन लोहे वालों का संयुक्त परिवार शहर के लिए मिसाल बना हुआ है। राजेश जैन इसका श्रेय अपने पिता स्व. संतोष जैन को देते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:39 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:39 AM (IST)
Fathers Day Special: पिता ने निभाई मां की भूमिका, खुद से अधिक रखा परिवार का ख्याल
राजेश जैन लोहे वाले (मध्य) के साथ पत्नी पूनम जैन, पुत्र विनीत जैन व नवनीत जैन के साथ पुत्रवधुएं।

जालंधर, [शाम सहगल/ प्रियंका सिंह]। बच्चे का अंगुली पकड़ कर उसे दुनिया में संघर्ष करना सिखाना, आत्मविश्वास से चुनौतियों से पार पाना, मार्गदर्शक बन उसे सही राह दिखाना, उसकी सफलता के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर देना और कभी दोस्त बनकर उसका हौसला बढ़ाना। कोरोना महामारी ने दुनिया को झकझोर दिया है। रिश्तों को एक नई परिभाषा दी। हर कदम पर इंसान की कड़ी परीक्षा ली है। कोरोना महामारी में कई परिवारों में बच्चों ने अपनी मां को खो दिया है। बच्चे भी संक्रमित हुए। ऐसे वक्त में पिता ने बच्चों के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया। 

बदलते परिवेश में अपनों से दूर होते समाज के बीच शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति राजेश जैन लोहे वालों का संयुक्त परिवार शहर के लिए मिसाल बना हुआ है। राजेश जैन इसका श्रेय अपने पिता स्व. संतोष जैन को देते हैं। विभाजन के बाद सियालकोट से जालंधर आकर बसा यह परिवार न सिर्फ जिले के जैन समाज का नेतृत्व करता रहा है, बल्कि सामाजिक व धार्मिक कार्यों में भी इस परिवार का नाम शिद्दत के साथ लिया जाता है। पिता के हर फैसले पर परिवार की सहमति व सम्मान के चलते ही एनवीआर ग्रुप के संचालक और 310 जेपी नगर के रहने वाले राजेश जैन परिवार की पहचान केवल जिला ही नहीं बल्कि देशभर के जैन समाज में बनी है। राजेश जैन बताते हैं कि उनके पिता स्व. संतोष कुमार जैन अपने पिता (यानि राजेश जैन के दादा) देसराज जैन को परिवार के बेहतर पालन पोषण का श्रेय देते थे। बकौल राजेश जैन, पिता संतोष जैन ने पूरे परिवार को एकसूत्र में बांधे रखने का गुर दिया था, उनकी पीढ़ी उसी राह पर चल रही है।

रिश्तों की अहमियत व जिम्मेदारी का एहसास भी करवाते है पिता

राजेश जैन के बेटे वीनित जैन बताते है कि रिश्तों की अहमियत व जिम्मेदारी का अहसास पिता ने ही करवाया। जीवन में विपरीत परिस्थितियों में भी पिता ने हाथ पकड़कर इससे पार लगाया। इसके साथ ही कारोबार, परिवार व समाज के बीच समानता बनाए रखने का ज्ञान भी पिता से ही हासिल किया। जैन समाज की प्रमुख संस्था एसएस जैन सभा के लगातार छह वर्ष तक प्रधान बने रहने के दौरान राजेश जैन ने समाज के प्रति वह कार्य कर दिखाए, जो पिछले लंबे समय से नहीं हुए थे। कारोबार को समय देना मुश्किल था, साथ ही परिवार के लिए समय निकालना भी उनके लिए आसान ना था। पर जब भी परिवार के साथ बैठते तो इस बात का अहसास भी करवाते थे कि समाज भी उनके परिवार की तरह है।

वास्तव में पिता एक वटवृक्ष है

राजेश जैन के बेटे नवनीत जैन बताते हैं कि वास्तव में पिता एक ऐसा वटवृक्ष है, जिसकी छांव तले परिवार के हर सदस्य का व्यक्तित्व विकास हो सका है। हर हालात में घर के अंदर आपसी सद्भाव के साथ उत्सव सा माहौल रहता है। वे बताते हैं कि कोरोना महामारी के बीच पिता ने अपने परिवार के साथ-साथ समाज की सेवा करने को भी प्रेरित किया। अभी तक सेवाएं देने का दौर जारी है।

पिता ने गुरु बनकर किया मार्गदर्शन, मिली सफलता  : नितिन शर्मा

पिता अविनाश शर्मा के साथ उद्योगपति नितिन शर्मा।

अविनाश शर्मा न केवल पिता बल्कि गुरु भी है। उन्होंने जीवन में आने वाली दिक्कतों व उनके समाधान को लेकर मार्गदर्शन किया जिसका प्रमाण  है कि आज न केवल उद्योग बल्कि सामाजिक संस्थाओं में भी सेवा करने का अवसर मिला है। ऐसा मानना है कि बीएम मीटर्स प्राइवेट लिमिटेड के नितिन शर्मा का। उन्होंने कहा कि पिता के मार्गदर्शन के चलते ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वयंसेवी संस्था रोटरी क्लब का अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उद्योग का नाम देशभर में रोशन हुआ। नितिन शर्मा बताते है कि परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास भी पिता ने ही करवाया। उन्होंने कहा कि जीवन में कई बार विपरीत परिस्थियों का सामना करना पड़ा। इसमें पिता ने हाथ थामते हुए पार लगाया। जब भी किसी तरह की परेशानी या फिर अपनों की जरूरत महसूस होती है तो पिता से हर बात शेयर कर ली जाती है। उसका समाधान वे चुटकियों में कर देते है। पिता अविनाश शर्मा ने सदैव कारोबार के साथ समाजसेवा की प्रेरणा दी थी। रोटरी क्लब क्लब का प्रधान बनने का श्रेय भी पिता अविनाश शर्मा को ही जाती है।

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