Fathers Day Special : बेटी के संक्रमित होने के बाद डा. आशीष खुद भी कोरोना की चपेट में आए, फिर भी हिम्मत नहीं हारी
अमृतसर में नौ माह की प्रांशी कोरोना संक्रमित हो गई थी। प्रांशी को कोरोना मुक्त करने के लिए उनके पिता डा. आशीष शर्मा ढाल बनकर खड़े हो गए। प्रांशी के संपर्क में आने से डा. आशीष व उनकी पत्नी डा. चेतना शर्मा भी संक्रमण ग्रस्त हो गए।
अमृतसर, जेएनएनव। नौ माह की प्रांशी कोरोना संक्रमित हो गई थी। वायरस ने उसके शरीर का ताप बढ़ा दिया। न बोल सकती थी न बुखार सह सकती थी, बस रोती रहती थी। प्रांशी को कोरोना मुक्त करने के लिए उनके पिता डा. आशीष शर्मा ढाल बनकर खड़े हो गए। डा. आशीष शर्मा सरकारी डाक्टर हैं। दो माह पूर्व नन्ही जान प्रांशी संक्रमण ग्रस्त पाई गई तो वे घबरा गए। घबराहट इस बात की थी कि बेटी बहुत छोटी है। होम आइसोलेट कर बच्ची का प्रोटोकाल के अनुसार इलाज शुरू किया, पर सब कुछ इतना आसान नहीं था। प्रांशी के संपर्क में आने से डा. आशीष व उनकी पत्नी डा. चेतना शर्मा भी संक्रमण ग्रस्त हो गए। अपने से ज्यादा डा. आशीष को बेटी की चिंता ज्यादा थी। वह पीपीई किट पहनकर बेटी के पास जाते और उसे दवा आदि देते।
आशीष के अनुसार बेटी से पहले मेरी मां कोरोना संक्रमित हुई थीं। संभवत: उनके संपर्क में आने से प्रांशी बीमार हुई। वह दवा का सेवन नहीं करती थी। रोते-रोते निढाल हो जाती थी। हम उसे मास्क पहनाते तो वह असहज हो जाती। उसे इस अवस्था में देखकर मेरी आंखों से आंसू बहते थे। मेरी पत्नी और मैं दिन रात उसके पास बैठकर ईश्वर से उसके स्वस्थ होने की कामना करते रहे। ईश्वर की कृपा से बेटी दस दिन में कोरोना मुक्त हो गई।
कोरोना के बाद डायरिया हो गया, जांबाज बेटी ने दे दी मात
डा. आशीष के अनुसार, चूंकि वह छोटी थी, इसलिए उसका पुन: टेस्ट नहीं करवा सकते थे क्योंकि इससे नेजल इंजरी होने का खतरा था। हालांकि कोरोना मुक्त होने के बाद उसे पोस्ट कोविड कांप्लीकेशन हुईं। डायरिया ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। ऐसे में उसे कुछ दिन अस्पताल में उपचाराधीन किया गया। जांबाज बेटी आखिर स्वस्थ हो गई। अब वह 11 माह की हो चुकी है। वह और उनकी पत्नी भी कोरोना मुक्त हो गए हैं।