जालंधर में किसानों संगठनों ने की दुकानें खुलवाने की कोशिश, दुकानदार बोले- हम प्रशासन के साथ
संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में भारतीय किसान यूनियन राजेवाल ने जालंधर में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने भगवान वाल्मीकि चौक पर आधे घंटे तक नारेबाजी की और दुकानदारों से दुकान खोलने और कारोबार करने की अपील की
जालंधर, जेएनएन। देश में जानलेवा हो चुके कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पंजाब सरकार द्वारा लगाए गए मिनी लाकडाउन के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की अगुआई में भारतीय किसान यूनियन राजेवाल ने महानगर में प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने भगवान वाल्मीकि चौक पर आधे घंटे तक नारेबाजी की और दुकानदारों से दुकान खोलने और कारोबार करने की अपील की, लेकिन दुकानदारों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं दिखाई दिया।
दुकानदार ने कहा कि कोरोना काल में वह जिला प्रशासन के साथ हैं। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने व्यापारियों से अपील की कि वो अपनी दुकानें खोल कर व्यापार करें। अगर पुलिस उन पर कोई कार्रवाई करती है तो किसान पूरी तरीके से उनके साथ हैं। किसानों ने यह भी कहा कि सरकार और पुलिस ने लोगों को भुखमरी के कगार पर लाकर छोड़ दिया है। किसान संगठन कभी भी लोगों को घरों के अंदर भुखमरी का शिकार नहीं होने देंगे। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सरकार पर भी जमकर हमला बोला।
किसानों का कहना था कि सरकार पूरी तरीके से कोरोना संक्रमण को रोकने में नाकाम है। कोरोना काल को एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी न तो बीमार लोगों को अस्पतालों में बेड मिल पा रहा है और न ही आक्सीजन। इतना ही नहीं सरकार देश के लोगों को छोड़कर वैक्सीन को विदेशों में भेज रही है। किसानों ने कहा कि जब किसानों को जरूरत थी तो व्यापारियों ने उनका साथ दिया था। आज जब व्यापारी वर्ग को जरूरत है तो किसान उनका पूरा साथ देंगे। किसानों का कहना था कि जब शराब के ठेके खोले जा सकते हैं तो फिर व्यापारियों की दुकानें क्यों नहीं।
प्रदर्शन के दौरान शारीरिक दूरी के नियम टूटे
प्रदर्शन में करीब 15 से 20 किसान शामिल थे। फिर भी शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं किया गया। इस दौरान कुछ किसान बिना मास्क के भी दिखाई दिए। चप्पे-चप्पे पर तैनाती, फिर भी मूकदर्शक बनी रही पुलिस किसानों के प्रदर्शन को लेकर जालंधर पुलिस के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात किए गए थे। जवानों की अगुआई कमिश्नरेट पुलिस के आला अधिकारी कर रहे थे। कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से 100 से अधिक जवानों और अधिकारियों की तैनाती की गई थी। हालांकि पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बनी रही। प्रदर्शन में कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन हुआ, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। डीसीपी नरेश डोगरा का कहना था कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।