बेअदबी कांडः डेरा सच्चा सौदा सिरसा की नेशनल कमेटी के तीनों सदस्यों का लुकआउट नोटिस जारी

फरीदकोट पुलिस की ओर से बेअदबी मामले से संबंधित तीनों घटनाओं में वांछित डेरा सच्चा सौदा सिरसा की नेशनल कमेटी के तीन सदस्यों संदीप बरेटा प्रदीप कलेर व हर्ष धूरी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए गए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 02:18 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 02:27 PM (IST)
बेअदबी कांडः डेरा सच्चा सौदा सिरसा की नेशनल कमेटी के तीनों सदस्यों का लुकआउट नोटिस जारी
बरगाड़ी बेअदबी मामले से संबंधित तीनों घटनाओं में आरोपित तीन डेरा प्रेमी भगोड़ा हैं। सांकेतिक चित्र।

जासं, फरीदकोट। जिला पुलिस ने साल 2015 के बरगाड़ी बेअदबी मामले से संबंधित तीनों घटनाओं में वांछित डेरा सच्चा सौदा सिरसा की नेशनल कमेटी के तीन सदस्यों संदीप बरेटा, प्रदीप कलेर व हर्ष धूरी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिए है। इन घटनाओं की पड़ताल कर रही पंजाब पुलिस की एसआईटी ने डेरा कमेटी की इन तीनों सदस्यों को नामजद किया हुआ है। इनका कोई सुराग नहीं मिलने के चलते इन्हें अदालत ने तीनों घटनाओं में ही भगोड़ा घोषित किया हुआ है। मालूम होकि तीनों ही आरोपित मोगा के गांव मल्लके व बठिंडा जिले के गांव गुरूसर की बेअदबी की घटनाओं में भगोड़ा चल रहे हें। ये घटनाएं भी अक्टूबर 2015 में सामने आई थी।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही पंजाब के नए डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने तीनों फरार आरोपितों की तलाश के लिए 4 सदस्यीय टीम बनाई है। इसकी निगरानी लुधियाना के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर करेंगे। टीम में एआइजी राजिदर सिंह सोहल, डीएसपी गुरचरण सिंह, डीएसपी राकेश यादव और इंस्पेक्टर विजय कुमार शामिल हैं। इन्ही की ओर से लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। हरियाणा निवासी प्रदीप कलेर और पंजाब निवासी हर्ष धुरी व संदीप बरेटा वर्ष 2015 में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी कांड में आरोपित है। वे 1 जून, 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला में गुरुद्धारा साहिब से गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूप चोरी करने के मामले में भगोड़ा घोषित किए गए हैं।

राजनीतिक रूप से संवेदनशील है मामला

बरगाड़ी बेअदबी कांड और उससे जुड़े मामले पंजाब की राजनीति में संवेदनशील बने हुए हैं। हाल में बेअदबी के मामले को लेकर ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से त्याग पत्र दे दिया था। इस मामले की जांच से जुड़े रहने के कारण ही उन्होंने डीजीपी सहोता और एडवोकेट जनरल की नियुक्ति का विरोध करते हुए पद छोड़ दिया था। उनके विरोध के बाद बैकफुट पर आई नई चरणजीत सिंह चन्नी सरकार को डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए अधिकारियों के नाम केंद्र सरकार को भेजने पड़े हैं। 

chat bot
आपका साथी