Fancy Dress Competition : एपीजे रिदम्स के बच्चों ने फैंसी ड्रेस कंपीटिशन से दिया काेराेना संक्रमण से बचने का संदेश
Fancy Dress Competition एपीजे रिदम्स प्ले वे स्कूल में बच्चों की कला को निखारने के उद्देश्य से शनिवार काे फैंसी ड्रेस कंपीटिशन का अायाेजन किया गया। कोविड की वजह से स्कूल बंद होने पर यह आयोजन जूम एप के जरिये ऑनलाइन ही हुआ।
जालंधर, जेएनएन। Fancy Dress Competition : एपीजे रिदम्स प्ले वे स्कूल में बच्चों की कला को निखारने के उद्देश्य से शनिवार काे फैंसी ड्रेस कंपीटिशन का अायाेजन किया गया। कोविड की वजह से स्कूल बंद होने पर यह आयोजन जूम एप के जरिये ऑनलाइन ही हुआ।
इस दाैरान बच्चों ने अपने कार्टून किरदारों के साथ-साथ कोविड के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों और इम्यूनिटी को मजबूत बनाने, संक्रमण से बचने के लिए निरंतर हाथ धोते रहें, शारीरिक दूरी का ख्याल रखें और मुंह पर मास्क पहन कर रखें।
इवेंट में बच्चों के साथ-साथ उनकी मदर्स भी शामिल हुए। हरेक प्रतिभागी की तरफ से फैंसी ड्रेस को थीम के तहत चुना गया था। जिसमें बच्चे और उनकी मदर्स एक साथ एक ही तरह की ड्रेस में शामिल हुए। प्रिंसिपल सीनिया साजिथ और इंचार्ज मधु भुच्चर ने सभी बच्चों के टैलेंट को सराहा। उन्होंने इस इवेंट में खास भागीदारी निभाने वाली बच्चों की मदर्स के प्रयास व सहयोग की भी तारीफ की।
उन्होंने कहा कि बच्चे घर पर ही सुरक्षित रहें यही सबसे अहम है। इसके साथ-साथ स्कूल से दूर होने पर भी ऑनलाइन माध्यम से आयोजनों में भागीदारी करके उन्हें शिक्षा और गतिविधियों के माध्यम से सीख देना भी जरूरी है। जिसको मुख्य रखते हुए ही यह आयोजन किया गया था।
फैंसी ड्रेस पहन बच्चे बोले- प्रकृति से प्रेम करें
जालंधर। एपीजे स्कूल प्री प्राइमरी विंग की ओर से ऑनलाइन फैंसी ड्रेस कंपीटिशन का आयोजन किया गया। बच्चों ने नेचर थीम पर अपनी फैंसी ड्रेस चुनी और उस पर अपने विचार कविता के रूप में भी प्रस्तुक किए। जिसके जरिए बच्चों ने पर्यावरण को संभालने के लिए कदम पढ़ाने की सभी से अपील की, ताकि पर्यावरण को हरा भरा बनाकर सुखद व खुशहाल जीवन बनाया जा सके। प्रिंसिपल गिरीश कुमार ने प्रोग्राम की अध्यक्षता की और बच्चों के टैलेंट को भी सराहा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से ही बच्चों को छोटी सी उम्र में प्राकृति प्रति अपनी जिम्मेदारियों का पता लगता है। जिनके माध्यम से वे प्राकृति प्रति प्रेम को अपने बनाए रखते हैं और पेड़ृ-पौधों की संभाल भी करते हैं। क्योंकि उन्हें बचपन में ही पता चलता जाता है कि पेड़ नहीं होंगे तो उनका भी वजूद नहीं होगा। इंचार्ज सुषमा खरबंदा ने बच्चों के टैलेंट की सराहना की और इस गतिविधि में शामिल होने वाली बच्चों की मदर्स के प्रयास को भी सराहा।