जालंधर में निजी अस्पताल में हंगामा, परिजन बोले- मरे हुए बच्चे का इलाज कर रहे डाक्टर; अस्पताल ने जीवित दिखाया

जालंधर में बच्चे के इलाज को लेकर परिजनों ने श्री गुरु रविदास चौक के निकट निजी अस्पताल के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर सुबह 5 हजार रुपए जमा करवा शव ले जाने के आरोप लगाए। पुलिस ने आकर लोगों को शांत किया।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 01:50 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 02:02 PM (IST)
जालंधर में निजी अस्पताल में हंगामा, परिजन बोले- मरे हुए बच्चे का इलाज कर रहे डाक्टर; अस्पताल ने जीवित दिखाया
जालंधर में निजी अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए बच्चे के परिजन।

जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर में बच्चे के इलाज को लेकर परिजनों ने श्री गुरु रविदास चौक के निकट निजी अस्पताल के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे की मौत हो चुकी है और अस्पताल पैसे वसूल कर शव देने की बात कर रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को बच्चा आईसीयू में जीवित दिखा दिया। बैंक एनक्लेव में रहने वाले जगत राम के 7 वर्ष के बेटे बादल तो बुखार होने के बाद अंकुर किड्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जगत राम ने कहा कि बच्चे को पहले माडल टाउन के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था और तबीयत बिगड़ने के बाद सोमवार शाम को जहां लेकर आए थे। अस्पताल प्रशासन पर सुबह 5 हजार रुपए जमा करवा शव ले जाने के आरोप लगाए।

इस दौरान शिवसेना समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष नरेंद्र थापर व परिजनों ने अस्पताल के बाहर हंगामा किया। मौके पर पुलिस थाना नंबर-6 पहुंची। डॉक्टर ने पुलिस, परिजनों व नरेंद्र थापर को आईसीयू में ले जाकर बच्चे के दिल की धड़कन और नवज दोनों चलती दिखा दिए। इसके बाद सभी शांत होकर चले गए। परिजनों का कहना है कि उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं है और डॉक्टर मरीज के ठीक होने की गारंटी भी नहीं ले रहा है।

बच्चे के मरने की सूचना किसी ने नहीं जारी की

डॉक्टर गुरुदेव चौधरी ने परिजनों के आरोपों को नकारा है और कहा कि बच्चे के मरने की सूचना किसी ने भी जारी नहीं की है। परिजनों ने हंगामा किया और उन्हें बच्चा दिखा दिया गया। फिलहाल बच्चा जीवित है परंतु बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका इलाज किया जा रहा है। परिजनों ने दो बार बच्चे को अस्पताल से लेकर जाने की बात कही। उन्होंने अनुमति दे दी थी। परिजन बच्चे को नहीं लेकर गए। समय-समय पर बच्चे की हालत के बारे में  सूचित किया जा रहा है।

परिजन गरीब होने की वजह से पैसै नहीं मांगे

डॉक्टर गुरुदेव चौधरी ने कहा कि बच्चे के परिजन गरीब होने की वजह से उन्होंने पैसे भी नहीं मांगे हैं। बच्चे को मंगलवार को बुखार तेज होने की वजह से दिमाग को चढ़ गया था। उसकी वजह से उसकी हृदय गति भी प्रभावित हुई थी। उसे सही इलाज की सुविधा दी जा रही है।

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