जालंधर में 31 अक्टूबर को स्वतंत्रता संग्रामियों की याद में लगेगा मेला, आजादी की लड़ाई में था अहम योगदान

जालंधर में देश की आजादी के लिए लड़े गदर लहर के स्वतंत्रता सेनानियों की याद में 31 अक्टूबर से मेला शुरू होने जा रहा है। मेले में आकर्षण का केंद्र हर बार की तरह इस बार भी पुस्तक प्रदर्शनी रहेगी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:02 AM (IST)
जालंधर में 31 अक्टूबर को स्वतंत्रता संग्रामियों की याद में लगेगा मेला, आजादी की लड़ाई में था अहम योगदान
जालंधर में स्वतंत्रता सेनानियों की याद में 31 अक्टूबर से मेला लगेगा।

जालंधर [प्रियंका सिंह]। देश की आजादी के लिए लड़े गदर लहर के स्वतंत्रता संग्रामियों की याद में हर साल मेला लगाया जाता है। इस बार यह मेला 31 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है जोकि 2 नवंबर तक चलेगा। मेले में आकर्षण का केंद्र हर बार की तरह इस बार भी पुस्तक प्रदर्शनी रहेगी। इसके अलावा प्रोफेसर पीर साईं नाथ के साथ अन्य मुख्य मेहमान मौजूदा हालात पर कटाक्ष करेंगे। समाज में हो रहे भेदभाव पर आधारित एक फिल्म दिखाई जाएगी। अपने अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एवं किसान आंदोलन पर समर्पित नाटक दिखाए जाएंगे। इस दिन नई पीढ़ी को किताबों की ओर उनकी कुर्बानियों को नई पीढ़ी से रूबरू करवाने के लिए एवं गदर पार्टी से जुड़े शूरवीरों की गाथा सुनाने के लिए मेले में महान और प्रसिद्ध लेखक और बुद्धिजीवी आकर भाषण देंगे। खास बात यह है कि मेले में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में दूर-दूर से लोग आते हैं।

क्यों मनाया जाता है यह मेला-  गदर पार्टी और बब्बर अकाली लहर गुलामी के झूले से हमेशा मुक्ति पाने के लिए लड़ती रही। केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में जाकर भी उन्होंने अपनी जंग जारी रखी और शहीद हुए। उस समय लोगों पर हो रहे अत्याचार से उन्हें आजादी दिलाने एवं लोगों को जागरूक करने के लिए गदर पार्टी की स्थापना की गई। जिसमें बहुत नौजवान एवं अन्य वर्ग के लोग शामिल हुए और लोगों को आजादी से मुक्ति दिलाने में जुट गए। दृढ़ता के साथ वह गुलामी से आजादी दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। उनकी कुर्बानियों को हमेशा के लिए याद रखने के लिए देश भगत यादगार हॉल में हर साल बहुत बड़ा मेला लगाया जाता है। 1 नवंबर 1913 में पहले गदर पार्टी का अखबार प्रकाशित किया गया था। मेले में उस दिन को भी याद किया जाता है।

1 नवंबर को होनी चाहिए छुट्टी - देश भगत यादगार कमेटी के कन्वीनर अमोलक सिंह ने बताया कि 1 नवंबर गदर पार्टी का दिन होता है पहले उस दिन छुट्टी हुआ करती थी लेकिन अब यूनिवर्सिटी और कॉलेज की तरफ से उस दिन पेपर या फिर यूथ फेस्टिवल करवाए जाते हैं। जो कि नहीं होनी चाहिए यह दिन ऐतिहासिक दिन है जिसके बारे में बच्चों को जानकारी देनी चाहिए और उन्हें इतिहास से रूबरू करवाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमने बहुत बार ज्ञापन भी दिया है लेकिन फिर भी उस पर काम नहीं हो रहा।

30 अक्टूबर को लगेगी पुस्तक प्रदर्शनी- मेले का आकर्षण का केंद्र पुस्तक प्रदर्शनी 30 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी जो कि 1 नवंबर तक जारी रहेगी। इसमें प्रसिद्ध लेखक और कवि मुंशी प्रेमचंद, रविंद्र नाथ टैगोर, अमृता प्रीतम, साहिर लुधियानवी, शिव कुमार बटालवी, अरुंधति रॉय, खुशवंत सिंह, महात्मा गांधी, राजा राय, सरोजिनी नायडू, चाणक्य, चार्ली चैपलिन, एपीजे अब्दुल कलाम, कबीर दास, शायद मुमताज अली, आर के नारायण के साथ अन्य कई लेखकों की पुस्तकें शामिल की जाएंगी। पुस्तक प्रेमी दूर दूर से यहां पर पुस्तकें खरीदने के लिए हर साल आते हैं। डेढ़ लाख से भी अधिक पुस्तकों की बिक्री की उम्मीद है। मेले की शुरुआत सुबह 10:00 बजे शमा रोशन के साथ होगी। विचार चाचा को 2 सेशन में बांटा गया है जिसमें पहला सेशन 11:00 बजे से लेकर 1:00 बजे तक किसान आंदोलन से संबंधित रहेगा, वही दूसरा सेशन 2:00 बजे से लेकर 4:00 बजे तक बब्बर अकाली लहर एवं मौजूदा हालात से संबंधित होगा।

कवि दरबार में प्रसिद्ध मौजूदा हालात पर करेंगे कटाक्ष - देश भगत यादगार हॉल के ट्रस्टी हरविंदर भंदाल ने बताया कि शाम 4 बजे से कवि दरबार लगाया जाएगा। इस बार कवि दरबार में 15 से 16 केवल पंजाबी प्रसिद्ध कवि हिस्सा ले रहे हैं जिसमें से कुछ उभरते हुए नौजवान कभी भी शामिल है। जैसे कि दर्शन कटकर, मदन वीरा, विशाल, जगविंदर सौदा, वाहिद, शमशेर मोही, सुशील दोसांझ, कुलवंत सिंह औजला के साथ अन्य नामी कवि अपनी हाजिरी लगाएंगे। इस बार कोई भी हिंदी कवि नहीं है बल्कि केवल पंजाबी कवि ही शामिल किए गए हैं। जो मौजूदा हालात पर अपने शब्दों से कटाक्ष करेंगे।

पीपलज वॉइस में दिखाई जाएगी सद्गति फिल्म

मेले में आने वाले लोगों को हर साल किसी न किसी विषय से संबंधित फिल्म दिखाई जाती है। जिससे वह जागरूक होते हैं। जनरल मैनेजर कुर्मी सिंह ने बताया कि इस बार फिल्म शो 6:00 बजे शुरू होगा जिसमें सद्गति फिल्म दिखाई जाएगी। 1 घंटे से भी कम समय वाले इस फिल्म को सत्यजीत द्वारा निर्देशित किया गया है जिसमें ओमपुरी मुख्य भूमिका में है। जिसे देखकर लोग नींद से जाग उठेंगे।

सेमिनार में प्रो. पीर साईं नाथ का मुख्य भाषण- किसान आंदोलन से संबंधित सेमिनार में मुंबई के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर पीर साईं नाथ का मुख्य भाषण रहेगा। जो किसान आंदोलन पर अपने विचार रखेंगे।

नाटक और गीतों से भरी रहेगी मेले की रात- मिले के दिन जहां स्पीच और फिल्म शो से भरा रहेगा तो वही है रात भी देश संबंधित गीत एवं नाटकों से भरपूर रहेगा। प्रोफेसर अजमेर और लक्की नाटक टीम लोक कला मंच मानसा की तरफ से 'ऐं किवें खोलेंगे जमीना साढिआं, मंच रंग अमृतसर के द्वारा 'खूनी बैसाखी', अदाकार मंच मोहाली के तरफ से 'तन लिखारी नानका' इटालियन नाटककार दारियो फॉर के नाटक का पंजाबी रूप ऐदां तां फिर ऐदां ही सही, सचेतक रंगमंच मोहाली के द्वारा 'कसिआ होयआ  आदमी और अवामी रंगमंच सेवड़ा के तरफ से नाटक पेश किया जाएगा।

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