कोरोना से मरने वाले ESI बीमाकृत व्यक्तियों को मिलेगी पेंशन, केंद्र से शुरू की कोविड-19 रिलीफ स्कीम
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की ओर से बीमाकृत व्यक्तियों की कोरोना से मौत होने पर भी उनके परिजनों को पेंशन दी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने कोविड-19 रिलीफ स्कीम शुरू की है। स्कीम मार्च 2020 से दो साल के लिए प्रभावी होगी।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना की वजह से मरने वाले ज्यादातर लोगों के परिजन आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की ओर से बीमाकृत व्यक्तियों की कोरोना से मौत होने पर भी उनके परिजनों को पेंशन दी जाएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने कोविड-19 रिलीफ स्कीम शुरू की है। ईएसआईसी के सब रीजनल आफिस के प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि स्कीम के तहत कारखानों व संस्थानों में काम करने वाले ईएसआई के अंर्तगत आने वाले बीमाकृत लोगों की कोरोना की वजह से मौत होने पर उनके परिजनों के मदद दी जाएगी। स्कीम मार्च 2020 से दो साल के लिए प्रभावी होगी।
बीमाकृत व्यक्ति के मरने से पहले संस्थान से मिले अंतिम वेतन का 90 फीसदी या फिर कम से कम 1800 रुपये प्रति माह पेंशन उनके परिजनों को मिलेगी। स्कीम का लाभ कोरोना नेगेटिव आने के 45 दिन के भीतर मौत होने पर भी मिलेगा। इसके लिए बीमाकृत व्यक्ति की कोरोना से मौत होने के बाद परिजनों को उनके ईएसआई कार्ड के अलावा कोरोना पाजिटिव होने की रिपोर्ट तथा मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर विभाग में आवेदन करना होगा। कोविड का पता चलने व मौत व ठीक होने के पूर्व एक साल में कम से कम 70 दिन अंशदान होना भी जरूरी है।
----------------------------
यह भी पढ़ें : डीसी आफिस मुलाजिम यूनियन ने महासचिव बदला
जालंधर : डीसी आफिस मुलाजिम यूनियन ने महासचिव पद पर सेवाएं दे रहे मुनीश सैनी को बदलकर यह जिम्मेदारी नरेश कुमार कौल को दे दी है। यूनियन के जिला प्रधान तेजिंदर सिंह इसके लिए मुनीश सैनी के व्यस्त होने को कारण बताया है, जबकि डीसी आफिस में यूनियन की हड़ताल के दौरान सब रजिस्ट्रार वन में बतौर आरसी के पद पर सेवाएं देने के चलते यूनियन में मुनीश सैनी को लेकर नाराजगी बताई जा रही है। इसी कारण यूनियन ने यह फैसला लिया है।