पीएपी आरओबी एट लेन प्रोजेक्ट में बाधा बन रहे गुरु नानकपुरा एवं चौगिट्टी इलाके में हुए कब्जे

आरओबी को एट लेन बनाने का काम शुरू करने से पहले पर्याप्त जमीन की उपलब्धता जरूरी है लेकिन इस जमीन पर लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा है।

By Edited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 12:51 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 09:48 AM (IST)
पीएपी आरओबी एट लेन प्रोजेक्ट में बाधा बन रहे गुरु नानकपुरा एवं चौगिट्टी इलाके में हुए कब्जे
पीएपी आरओबी एट लेन प्रोजेक्ट में बाधा बन रहे गुरु नानकपुरा एवं चौगिट्टी इलाके में हुए कब्जे

जालंधर, जेएनएन। पीएपी रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) को चार मार्गीय (फोर लेन) से आठ मार्गीय (एट लेन) में तबदील करने के प्रोजेक्ट में गुरु नानकपुरा एवं चौगिट्टी इलाके में हुआ अवैध निर्माण आड़े आ रहा है। आरओबी को एट लेन बनाने का काम शुरू करने से पहले पर्याप्त जमीन की उपलब्धता जरूरी है, लेकिन इस जमीन पर लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा है। जब तक पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं होगी, तब तक प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू नहीं होगा।

दरअसल, जालंधर शहर के भीतर से अमृतसर एवं जम्मू की तरफ जाने वाले वाहनों को पीएपी से ही हाईवे पर सीधा प्रवेश देने के लिए आरओबी को एट लेन करना जरूरी है। इसके बाद शहर का ट्रैफिक फगवाड़ा की तरफ से आ रहे ट्रैफिक से टकराए बिना ही हाईवे पर प्रवेश कर सकेगा। लगभग सवा साल के लंबे इंतजार के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से ये प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

इस पर अथॉरिटी अति शीघ्र निर्माण शुरू करवाना चाहती है। पीएपी फ्लाईओवर बन जाने के बाद शहर के भीतर से अमृतसर एवं जम्मू की तरफ जा रहे ट्रैफिक के लिए सर्विस लेन पक्के तौर पर बंद कर दी गई थी। तब से सारा ट्रैफिक रामा मंडी फ्लाईओवर के नीचे से होते हुए लगभग तीन किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर काटकर पीएपी फ्लाईओवर पर आता था। इससे जहां वक्त, इंधन बर्बाद हो रहा था, वहीं रामा मंडी में लंबा जाम भी लग रहा था।

हटाए जा सकते हैं बिजली के खंभे

जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे प्रोजेक्ट के डायरेक्टर रिटा. कर्नल योगेश कुमार ने कहा कि अब अथॉरिटी के पास प्रशासन के जरिए अवैध निर्माण हटवाने व दाईं तरफ लगे बिजली के खंभों को हटाने का विकल्प है। बिजली के खंभों को हटाने को ज्यादा तवज्जो मिल सकती है, क्योंकि इस संबंध में अति शीघ्र कार्यवाही शुरू हो सकती है। अवैध निर्माण को हटाने की प्रक्रिया पेचीदा और लंबी खिंच सकती है। अभी कुछ फाइनल नहीं हैं, लेकिन दो माह में प्रोजेक्ट के लिए टेंडर लग जाएंगे।

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