फोकल प्वाइंट में कूड़े के ढेर से मिला चार माह का भ्रूण, छह माह में नौवां केस Jalandhar News

पुलिस के अनुसार आसपास के अस्पतालों में चेक किया जा रहा है कि बीते एक-दो दिन में कितनी महिलाएं प्रसव के लिए दाखिल हुई हैं। क्षेत्र में रहने वाली दाइयों से भी बात की जा रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 01:14 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 09:33 AM (IST)
फोकल प्वाइंट में कूड़े के ढेर से मिला चार माह का भ्रूण, छह माह में नौवां केस Jalandhar News
फोकल प्वाइंट में कूड़े के ढेर से मिला चार माह का भ्रूण, छह माह में नौवां केस Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। फोकल प्वाइंट में एक बार फिर दिल दहलाने देने वाला मामला सामने आया है। फिर एक महिला ने ममता का गला घोंट दिया। उसने दुनिया में आने से पहले ही अपनी कोख में पल रहे मासूम को मार दिया, जिसके बाद गुपचुप ढंग से उसे फोकल प्वाइंट से गुजर रही नहर (सूखी हुई) में लगे कूड़े के ढेर पर फेंक दिया।

फोकल प्वाइंट के क्षेत्र संजय गांधी नगर में रेस्टोरेंट चलाने वाले व्यक्ति ने शनिवार सुबह कूड़े के ढेर पर भ्रूण देखा तो तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने भ्रूण को सिविल अस्पताल भेज भ्रूण को वहां पर फेंक कर जाने वालों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं उक्त भ्रूण मिलने के साथ ही शहरी पुलिस के क्षेत्र में पिछले छह माह में मिलने वाले भ्रूणों की संख्या नौ पहुंच गई है।

पुलिस चौकी फोकल प्वाइंट के इंचार्ज एसआइ संजीव कुमार ने बताया कि फोकल प्वाइंट में रेस्टोरेंट चलाने वाले सतीश कुमार शनिवार सुबह साढ़े सात बजे के करीब अपने रेस्टोरेंट पर जा रहे थे। इस दौरान इलाके में से गुजर रही सूखी पड़ी नहर में कूड़े के ढेर पर उनकी नजर गई, जिस पर मानव भ्रूण पड़ा हुआ था। डाॅक्टरों के मुताबिक उक्त भ्रूण चार माह के करीब का है। हालांकि फिलहाल अभी यह साफ नहीं हो पाया कि नर है, या मादा। घटनास्थल के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा होने के कारण पुलिस अपने मुखबिरों के जरिए आरोपितों का पता लगाने में जुटी है। फिलहाल पुलिस ने मामले में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

अधिकारियों से भरी शहरी पुलिस कोई भी मामला नहीं कर पाई हल

शहरी पुलिस के क्षेत्र में अप्रैल माह से अब तक कुल नौ भ्रूण मिले चुके हैं। इनमें से तीन नर थे और बाकी अविकसित। हैरानी की बात यह है कि कमिश्नरेट पुलिस में डीसीपी इन्वेस्टिगेशन गुरमीत सिंह, डीसीपी डिटेक्टिव अमरीक सिंह, एडीसीपी गुरमीत सिंह किंगरा, शहर जोन वन की एडीसीपी सुडरविली, जोन टू के एडीसीपी परमिंदर भंडाल सहित सब जोन के पांच एसीपी होने के बावजूद भ्रूण मिलने का एक भी मामला हल नहीं हो सका है। यह ढाई दर्जन से भी अधिक गजटेड अफसरों वाली कमिश्नरेट पुलिस की सबसे बड़ी नाकामी ही मानी जाएगी।

बीते दिनों मिले भ्रूण..

तीन दिसंबर 2019 को थाना आठ के क्षेत्र नूरपुर कॉलोनी में गंदे नाले से मिला भ्रूण। तीस अक्टूबर 2019 को थाना एक के क्षेत्र जिंदा ¨पड में खाली प्लॉट से अढ़ाई माह भ्रूण मिला। 11 नवंबर 2019 को संजय गांधी नगर से गुजरने वाली सूखी नहर से चार माह का भ्रूण मिला। 9 सितंबर को सिविल अस्पताल में बाथरूम के कूड़ेदान से मिला भ्रूण। 23 अगस्त को गुरु नानक नगर, काला संघिया रोड से भ्रूण मिला, जिसे कुत्ते नोच रहे थे। 19 अगस्त 2019 को बस्ती बावा खेल से गुजरने वाली नहर से मिला भ्रूण। चार जुलाई 2019 शीतल नगर में डीएवी कॉलेज के पास से गुजरती नहर से मिला भ्रूण। 11 अप्रैल 2019 को कोट पक्षियां में कूड़े के ढेर से मिला भ्रूण।

सीसीटीवी कैमरे न लगे होना एक बड़ा कारण

डीसीपी इंवेस्टीगेशन गुरमीत सिंह ने कहा कि पुलिस हर मामले को हल करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि भ्रूण मिलने के हर मामले में एक बात आम है कि घटना स्थलों के आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था। इसके साथ ही यह सभी इलाके सलम एरिया के हैं। इसका का फायदा उठा आरोपित देर रात को भ्रूण वहां फेंक जाते हैं।

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