शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने केजरीवाल के खिलाफ खोला मोर्चा, बोले- शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर में पंजाब पहले व दिल्ली छठे स्थान पर
पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। परगट ने कहा कि केजरीवाल की सरकार दिल्ली के 10 स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करके राजनीतिक माइलेज लेने में जुटी हुई है। दिल्ली में 2600 स्कूल जबकि पंजाब में 19000 स्कूल हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। विधानसभा चुनाव से पहले ही शिक्षा पर सियासी जंग शुरू हो चुकी है। शिक्षा मंत्री ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को सर्किट हाउस में शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया स्कूलों के कंपैरिजन की बात कर रहे हैं। दिल्ली में 2600 स्कूल है जबकि पंजाब में 19000 स्कूल है। दिल्ली और पंजाब के स्कूलों को कंपेयर करना सरासर गलत है। केजरीवाल की सरकार दिल्ली के 10 स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करके राजनीतिक माइलेज लेने में जुटी हुई है।
एनपीजीआइ इंडेक्स सर्वे की बात करें तो शिक्षा इंफ्रास्ट्रक्चर में पंजाब पहले व दिल्ली छठे स्थान पर है। दिसंबर के दूसरे सप्ताह 15,000 से अधिक नए शिक्षकों की भर्ती खोली जा रही है। पंजाब में पहले ही शिक्षा में क्रांति हो रही है। आप पार्टी पंजाब में सत्ता लेना चाहती है इनके पास कोई एजेंडा नहीं है। बीएड बेरोजगार टेट पास के सदस्य मनीष जालंधर बस स्टैंड पानी की टंकी पर चढ़े है उसके टेट में 22 नबंर है। जबकि यूनियन के सदस्यों का कहना है कि टेट में मनीष के अंक 150 में 122 है। मेरिट के आधार पर भर्ती होगी।
यूनियन के सदस्यों ने कहा कि शिक्षा मंत्री कंफ्यूज हो चुके है। केजरीवाल पर तंज कसते हुए परगट सिंह ने कहा कि 36 साइज की शर्ट की बजाए 38 साइज की डालकर आ जाते है। बेरोजगार बीएड टेट पास यूनियन के सदस्यों के बीच आपसी मतभेद है। जिसके चलते मांगों का हल नहीं निकल रहा है। परगट ने कहा कि पंजाब में शिक्षक व विद्यार्थी का अनुपात दिल्ली के मुकाबले बेहतर है। पिछले चार वर्षों की बात करें तो प्राइमरी कक्षा में विद्यार्थियों की गिनती 1.93 लाख से बढ़कर 3.3 लाख हो चुकी है।
परगट सिंह ने आप संयोजक पर मोर्चा खोलते हुए कहा कि पिछले चुनावों में एनआरआइज से फंड लिया गया लेकिन कहां खर्च किया, इसकी कोई जानकारी नहीं है। बेरोजगार बीएड टेट पास यूनियन के बीच आपसी मांगों को लेकर मतभेद देखा जा सकता है। कई कोर्ट में केस चल रहे हैं। फिलहाल इन मांगों को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के सामने पेश कर चुके है। हल निकालने में लगे हुए है।