शिक्षकों की कमी पूरा करना शिक्षा मंत्री परगट सिंह की बड़ी चुनौती

खेल के साथ-साथ शिक्षा मंत्री बने परगट सिंह को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पहली चुनौती अपने जिले के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरना रहेगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 08:33 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:33 PM (IST)
शिक्षकों की कमी पूरा करना शिक्षा मंत्री परगट सिंह की बड़ी चुनौती
शिक्षकों की कमी पूरा करना शिक्षा मंत्री परगट सिंह की बड़ी चुनौती

अंकित शर्मा, जालंधर

खेल के साथ-साथ शिक्षा मंत्री बने परगट सिंह को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पहली चुनौती अपने जिले के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को भरना रहेगी। जालंधर के ही सरकारी स्कूलों में लगभग 30 फीसद शिक्षकों की कमी है। ऐसे में शिक्षकों की कमी को पूरा कर खाली पदों को भरना सबसे अहम हैं। देहात के इलाकों में शिक्षकों की कमी की दर 40 से 45 फीसद तक पहुंच जाती है। उनकी दूसरी चुनौती शहर के स्कूलों में ग्राउंड बनाने की रहेगी। ग्रामीण इलाकों में तो ग्राउंड बन रहे हैं लेकिन शहर के अधिकतर स्कूलों में जगह कम होने के कारण ग्राउंड नहीं बन रहे। तीसरी चुनौती एडिड स्कूलों को बचाने की रहेगी। पंजाब में करीब 400 एडिड स्कूल हैं और इनमें 50 जालंधर में हैं। इन स्कूलों में 2003 के बाद से शिक्षकों की भर्ती बंद हुई पड़ी हैं। उस कारण अधिकतर स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। पंजाब एडिड स्कूल कर्मचारियों की प्रिसिपल से लेकर दर्जा चार कर्मचारियों की यूनियन जालंधर से ही हैं और यहीं से पंजाबभर में विरोध की रणनीतियां बनती हैं। परगट की चौथी चुनौती एसएसए रमसा दफ्तरी कर्मचारियों और आंगनबाड़ी वर्करों का विरोध शांत करना रहेगा। एसएसए रमसा अध्यापकों को 2018 में शिक्षा विभाग में रेगुलर कर दिया गया था, मगर दफ्तरी कर्मचारियों को नहीं। उसे लेकर सबसे पहले जालंधर से ही विरोध शुरू हुआ था। आंगनबाड़ी वर्कर भी लगातार विरोध कर रही हैं।

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