शिक्षा मंत्री योजनाओं करते रहे गुणगान, जब शिक्षकों की हालत पर पूछा सवाल तो साध ली चुप्पी Jalandhar News
शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला ने कहा कि एक अप्रैल 2020 तक अध्यापकों की कमी को मेरिट के आधार पर भर्ती खोल कर पूरा कर लिया जाएगा।
जालंधर, जेएनएन। शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिंगला मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग की योजनाओं जिक्र करते रहे। शिक्षा विभाग में शिक्षकों की लगाई गैर शैक्षणिक ड्यूटियां, बच्चों की किताबें न मिलने, एडिड स्कूलों की हालत के जैसे सवालों का जवाब देने से कतराते रहे। वे सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल नेहरू गार्डन रोड में अवार्ड समारोह में पहुंचे थे। यह समारोह गुरु नानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित शिक्षा विभाग और बोर्ड की तरफ से करवाई गई को-करिकुलर गतिविधियों के विजेताओं का समान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। उन्होंने मेधावी छात्रों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया।
शिक्षा मंत्री का कहना था कि उनकी नजर में ऐसा कोई स्कूल नहीं है, जहां किताबें न पहुंची हों, एडिड स्कूलों की भर्ती पर 2003 पर लगी रोक पर बिगड़े हालतों पर यही बोले कि उनकी समस्याएं भी मिलकर देख लेंगे। शिक्षकों की गैर शैक्षणिक ड्यूटियों के सवाल का जवाब पर चुप्पी ही साथ गए। हालांकि हालात यह है कि शिक्षकों के पूरे एक महीने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की ड्यूटियां लगाई गई हैं। इससे पहले केवल सुबह स्कूल लगने से पहले व स्कूल बंद होने के बाद सेवाएं दी जाती थीं। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार की तरफ से सभी जिलों के डीसी को ड्यूटियों से गुरेज करने संबंधी भी पत्र लिखा गया है।
एक अप्रैल 2020 तक भर ली जाएंगी सभी खाली पोस्ट
शिक्षा मंत्री बोले कि ट्रांसफर में हमेशा खामी रहती थी, इसलिए पहली बार ऑन लाइन ट्रांसफर के जरिये योग्यता के आधार पर करीब सात हजार ट्रांसफर की, जिसमें खास यह रहा कि किसी की भी मैनुअल ट्रांसफर नहीं हुई। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2020 तक अध्यापकों की कमी को मेरिट के आधार पर भर्ती खोल कर पूरा कर लिया जाएगा।
सुरक्षित स्कूल वाहनों पर ट्रांसपोर्ट विभाग दे ध्यान
स्कूल सेफ वाहन के संबंध में ट्रांसपोर्ट विभाग को देखना चाहिए कि बच्चों को स्कूल लाने और छोडऩे में किस तरह के वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उनमें क्या कमी है या कौन से सही है। स्कूलों से भी अपील है कि वे उन्हीं वाहनों को इस्तेमाल में लाए जो ठीक हैं। स्कूलों का दुकानदारों के साथ वर्दियां व किताबें बेचने को लेकर टाइअप है। इस पर विभाग बेहद सख्त है। इसलिए स्कूलों को अपनी वर्दी, किताबों संबंधी सारी जानकारी स्कूल वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। वे पेरेंट्स पर दवाब नहीं डाल सकते। स्कूल चाहे तो अपने स्कूल का लोगो पांच-10 रुपए में जरूर बेच सकते हैं।
10 छात्राओं को बांटे साढ़े आठ लाख रुपये
समारोह में शिक्षा मंत्री 10वीं और 12वीं क्लास से पंजाब और जोन की मैरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं को साढ़े आठ लाख रुपए बांटे। इनमें सात को एक-एक लाख रुपए दिए, जबकि तीन को 50-50 हजार रुपए बांटे। यहीं लुधियाना के ननकाना साहिब मॉडल स्कूल जनता नगर की छात्रा अनीशा ने इसका विरोध किया। उसका कहना था कि वह मेरिट में पंजाब से तीसरे नंबर पर थी, पर किसी को रिइवेल्युएशन के जरिए अन्य छात्रा को मेरिट में तीसरे नंबर पर कर उसे चौथे स्थान पर कर दिया है। इसका उसे इस फंक्शन पर आने पर ही पता चला है।
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