पंजाब में जालंधर समेत पांच शहरों में ईडी के छापे, 3.88 करोड़ की भारतीय एवं विदेशी मुद्रा पकड़ी; जेवर व दस्तावेज भी जब्त

ईडी की तरफ से पॉल मर्चेंट्स लिमिटेड क्विक फॉरेक्स लिमिटेड सुपामा फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड और क्यूरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर जांच का शिकंजा कसा गया है। इन कंपनियों ने 475 करोड़ रुपये से अधिक का प्रेषण नाम भर कर कंपनियों के जरिए सिंगापुर हांगकांग और यूएई को किया था।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:41 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 10:43 AM (IST)
पंजाब में जालंधर समेत पांच शहरों में ईडी के छापे, 3.88 करोड़ की भारतीय एवं विदेशी मुद्रा पकड़ी; जेवर व दस्तावेज भी जब्त
पंजाब में जालंधर समेत ईडी ने पांच शहरों में छापे मारे हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब में चार कंपनियों के कार्यालय और आवासीय परिसरों पर एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने कार्रवाई की है। पांच शहरों में की गई छापेमारी के दौरान 3.88 करोड़ की भारतीय एवं विदेशी मुद्रा, 24.2 लाख के जेवर एवं आपत्तिजनक जायदाद संबंधी दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटाप बरामद किए गए हैं। ईडी की तरफ से वीरवार को जालंधर समेत चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली एवं दिल्ली में छापेमारी की गई। छापेमारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के संदिग्ध उल्लंघन की जांच करने के लिए की गई थी। ईडी की तरफ से पॉल मर्चेंट्स लिमिटेड, क्विक फॉरेक्स लिमिटेड, सुपामा फॉरेक्स प्राइवेट लिमिटेड और क्यूरो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर जांच का शिकंजा कसा गया है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी बरामद दस्तावेजों की गहन जांच में जुट गए हैं।  

केवल नाम के लिए बनाई गईं कंपनियां

ईडी की जांच में पता चला कि इन कंपनियों ने 475 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार नाम भर कर कंपनियों के जरिए सिंगापुर, हांगकांग और यूएई को किया था। मात्र नाम भर के लिए बनाई गई इन कंपनियों में ट्रिपल स्ट्रीक ड्रीम हॉलीडेज, वांगेस्टर ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड, पेरिपाटिजो ट्रेवल्स लिमिटेड, हिमालय टूरिज्म, एजाक्स होलीडेज एवं ग्रेट जर्नी टूर्स शामिल है।

कंपनियों ने किया फर्जी आईडी का प्रयोग

इन कंपनियों ने कथित तौर पर विभिन्न लोगों की फर्जी आईडी का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद कथित यात्राओं की आड़ में विदेश में धन भेजने के लिए लेनदेन किया, जिसके परिणामस्वरूप हवाला धन की उत्पत्ति हुई। जांच से पता चला कि इस प्रकार उत्पन्न अवैध धन का अचल संपत्ति और उनकी संबद्ध कंपनियों के अन्य व्यवसाय में निवेश किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय अब यह पता लगाएगा कि किस प्रकार से हवाला के जरिये पैसा आया और उसे निवेश के लिए इस्तेमाल किया गया।

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