कोरोना ने रावण का कद किया 'बौना', दशहरा कमेटी इस बार नहीं दे रहीं पुतले तैयार करने का आर्डर
इस बार दशहरे को लेकर प्रशासन ने इजाजत देरी से दी है। उसमें केवल 100 लोगों की ही इजाजत है। लेकिन दशहरे पर उमड़ने वाली लोगों की भारी भीड़ के चलते शहर की बीस के करीब दशहरा कमेटियों ने इस बार पुतलों का दहन करने से तौबा कर ली है।
जालंधर, शाम सहगल। कोरोना वायरस महामारी ने रावण का कद 'बौना' कर दिया है। दशहरे के सीजन में 50 से लेकर 80 फुट तक रावन तैयार किए जाते थे, लेकिन इस बार 20 फुट का भी आंकड़ा नहीं पार कर सके हैं। इस बार सबसे अधिक मांग पांच फुट वाले रावण के पुतलों की है। ये पुतले गली-मोहल्ले, कालोनियां तथा बाजारों में दहन किए जाएंगे। जिसे लेकर जेल रोड पर पुतले तैयार करने वाले कारीगर परिवार सहित दिन रात मेहनत करने में जुटे हुए हैं।
दरअसल, कोरोना के चलते इस बार दशहरे को लेकर जिला प्रशासन ने इजाजत देरी से दी है। उसमें भी केवल 100 लोगों की ही इजाजत है। लेकिन, दशहरे पर उमड़ने वाली लोगों की भारी भीड़ के चलते शहर की बीस के करीब दशहरा कमेटियों ने इस बार पुतलों का दहन करने से तौबा कर ली है। जिसका असर पुतले तैयार करने वाले कारीगरों के रोजगार पर भी पड़ा है। दशहरा से दो महीने पहले ही पुतले तैयार करने में व्यस्त हो जाने वाले कारीगर इन दिनों केवल मोहल्ला स्तर में मनाए जाते दशहरा के पुतले तैयार कर रहे हैं।
कैंसल हो गया मुकेरियां का आर्डर
जेल रोड से केवल शहर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों से भी पुतले तैयार करने के आर्डर मिलते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। हाल ही में मुकेरियां से किसी संस्था ने 25 फुट ऊंचे रावण के पुतले का आर्डर दिया था। लेकिन प्रशासन द्वारा सीमित संख्या में ही इजाजत देने के फैसले के बाद यह आर्डर भी कैंसिल कर दिया गया है। पुतले तैयार कर रहे कारीगर संजीवन लाल बताते हैं कि इस बार किसी भी दशहरा कमेटी ने पुतले तैयार करने का आर्डर नहीं दिया है।
वर्ष भर का इंतजार, गया बेकार
जेल रोड पर ही पुतले तैयार करने वाले राहुल बताते हैं कि दशहरे के सीजन का इंतजार उन्हें वर्ष भर रहता है। 50 से लेकर 80 फुट तक ऊंचे पुतले तैयार करने के लिए यूपी से कारीगर बुलाए जाते हैं। जबकि इस बार लोकल कारीगरों को ही और आर्डर नहीं मिले हैं। जिसे अब वर्ष भर फिर से दशहरे के सीजन का इंतजार करना होगा।
खुद ही लगाएंगे पटाखे
जेल रोड पर पुतले तैयार करने वाले लालचंद बताते हैं कि यहां पर केवल 5 से लेकर 15 फुट तक पुतले तैयार किए जा रहे हैं। जिन्हें गली मोहल्ले तथा कालोनियों में दहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां केवल बांस, कपड़ा, पेपर व रंगों के साथ पुतले ही तैयार किए जा रहे हैं। इनका दहन करने वाले पटाखों को इसमें खुद फिट करेंगे। इनकी कीमत दो हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक है।
लुधियाना में भी घटा कद
वहीं, श्री रामलीला कमेटी (दरेसी), जिसने लुधियाना के सबसे ऊंचे रावण के पुतले को हर दशहरे में जलाया जाता था। लेकिन COVID19 के कारण इस वर्ष केवल 30 फीट लंबा पुतला जलाया जाएगा। समिति के अध्यक्ष दिनेश मरवाहा का कहना है, "हमारा पुतला 90-95 फीट लंबा हुआ करता था। लेकिन इस वर्ष हमारे पास केवल 30-35 फीट लंबा पुतला होगा।"