Durga Ashtami 2021 : जालंधर में अष्टमी पर घर-घर हुआ कंजक पूजन, मंदिरों में भी रही रौनक
जालंधर में अष्टमी को लेकर बुधवार को दुर्गा मां की अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की गई। वहीं घर में खेत्री की बिजाई करने वाले मां भक्तों ने इसे विसर्जन भी किया। इस बार शारदीय नवरात्र में 9 की बजाए आठ नवरात्र मनाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। जालंधर में अष्टमी को लेकर बुधवार को दुर्गा मां की अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही शारदीय नवरात्र भी संपन्न करते हुए लोगों ने कंजक पूजन किया। वहीं घर में खेत्री की बिजाई करने वाले मां भक्तों ने इसे विसर्जन भी किया। इस बार शारदीय नवरात्र में 9 की बजाए आठ नवरात्र मनाए गए हैं। जिसके तहत एक दिन में दो नवरात्र एक साथ मनाए गए थे। वहीं बुधवार को श्रद्धालुओं ने मां के आठवें स्वरूपों की पूजा करते हुए कंजक पूजन भी किया। इस दौरान भक्तों ने हलवा, पूरी, चने तथा अन्य पकवान तैयार करके मां भगवती को भोग लगाने के उपरांत कंजकों में वितरित किया। उधर, श्री महालक्ष्मी मंदिर जेल रोड, प्राचीन शिव मंदिर गुड़ मंडी मां चिंतपूर्णी मंदिर माई हिरां गेट में तड़के से ही भक्तों की कतारें लगनी शुरू हो गई। इस क्रम में श्रद्धालुओं ने नवरात्र पूजन किया। शहर की पॉश कालोनियों में कंजक पूजन के दौरान कंजकों की कमी भी खली।
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दुर्गाष्टमी का महत्व
श्री हनुमान मंदिर बर्तन बाजार के प्रमुख पुजारी पंडित बसंत शास्त्री बताते हैं कि देवी का अष्टम स्वरूप महागौरी का है। इसे श्री दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। भगवती का सुंदर, सौम्य, मोहक स्वरूप महागौरी में विद्यमान है। सिंह की पीठ पर सवार व उनके मस्तक पर चंद्र का मुकट सुशोभित है। उनकी चार भुजाओं में शंख, चक्र, धनुष तथा बाण हैं। उनकी निरंतर पूजा-अर्चना करने से तन व मन को शांति प्राप्त होती है।
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