पंजाब में बारिश से आफत, तरनतारन में 14 हजार एकड़ फसल हुई प्रभावित, फाजिल्का के गांवों में घरों की छतें गिरीं

राज्य में तीन दिन से हो रही बारिश कई जिलों में लोगों के लिए आफत बन गई है। जिला तरनतारन में जहां खेतों करीब 14 हजार एकड़ में फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई गई है। ड्रेनेज विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 08:54 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 08:54 AM (IST)
पंजाब में बारिश से आफत, तरनतारन में 14 हजार एकड़ फसल हुई प्रभावित, फाजिल्का के गांवों में घरों की छतें गिरीं
फाजिका के गांव नवां सलेमशाह में सेमनाले में दरार आने के कारण घरों में पानी जा चुका है।

जागरण टीम, जालंधर। राज्य में तीन दिन से हो रही बारिश कई जिलों में लोगों के लिए आफत बन गई है। जिला तरनतारन में जहां खेतों करीब 14 हजार एकड़ में फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना जताई गई है। वहीं जिला फाजिल्का के गांवों में कई मकान गिरने से लोगों की बेघर हो गए हैं। हालांकि कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। मुक्तसर के गांधी नगर में बारिश के कारण एक पुराने घर की बालकनी गिर गई। जिस समय हादसा हुआ उस समय बालकनी घर की महिला संगीता रानी भी खड़ी थी और नीचे गिरने से गंभीर रूप में घायल हो गई। उसे एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है।तरनतारन में करीब 12 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। कसूर नाले में पानी का स्तर बढ़ने से इसके किनारे बसे कई गांवों में पानी घुस गया है और फसलें खराब हो गई हैं।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से विशेष गिरदावरी करवाने के निर्देश मिलने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। किसानों की करीब 14 हजार एकड़ में खड़ी फसल प्रभावित हुई है। ड्रेनेज विभाग ने भी संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। तरनतारन के ही कस्बा फतेहाबाद के पास सड़क धंसने से गैस सिलेंडरों से भरा ट्रक पलट गया। गनीमत रही कि कोई सिलेंडर नहीं फटा। ट्रक चालक को खिड़की तोड़कर सुरक्षित निकाला गया। वहीं कस्बा भिखी¨वड में एक घर की दीवार गिर गई तो बिजली गिरने से 100 और 200 केवी के ट्रांसफार्मर जल गए।

जिला फाजिल्का में भी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। गांवों में छप्पड़ों का पानी गांवों में घुस गया है। गांव नवां सलेमशाह में सेमनाला टूटने से पानी गांव में घुस गया, जिस कारण कई मकान गिर गए। लोगों को अपना सामान घर से बाहर निकालकर सड़कों पर रखना पड़ा। तेजा रूहेला, राणा, शमशाबाद व हस्ता कलां गांवों में कुछ मकानों की छत और एक घर की दीवार गिर गई, जबकि कई अन्य घरों में पानी घुस गया।

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