दवाइयों व खाना के बाद अब मरीजों को आक्सीजन देंगी डा. जीवन
कोरोना काल में मरीजों और जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद करने में जुटी हुई हैं सुजान सिंह डेंटल इंप्लाट्स सेंटर की डेंटिस्ट डा. जीवन ज्योति। उनका कहना है कि आज हर डाक्टर अपनी जान पर खेलकर एक हीरो की तरह काम कर रहा है जो कि काबिले तारीफ है।
संवाद सहयोगी, जालंधर
कोरोना काल में मरीजों और जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद करने में जुटी हुई हैं सुजान सिंह डेंटल इंप्लाट्स सेंटर की डेंटिस्ट डा. जीवन ज्योति। उनका कहना है कि आज हर डाक्टर अपनी जान पर खेलकर एक हीरो की तरह काम कर रहा है, जो कि काबिले तारीफ है।
डा. ज्योति जरूरतमंद लोगों तक हर जरूरत का सामान व दवाइया निश्शुल्क पहुंचा रही हैं। इन्होंने वाट्सएप पर अपना एक ग्रुप बना रखा है, जिसमें जो भी मदद की गुहार लगाता है, वह उनकी मदद के लिए हाजिर हो जाती हैं। अब वह कोरोना संक्रमित मरीजों तक आक्सीजन पहुंचाने की तैयारी में हैं। यही नहीं अगर किसी को पैसों की जरूरत पड़ रही है तो वो वहा पर भी पीछे नहीं हटती हैं। घर में दो बेटिया क्रीमुल कौर और नौरीन कौर हैं, जिन्हें उन्होंने संक्रमण से बचाकर रखा हुआ है। खुद डेंटिस्ट हैं, लेकिन कोई मरीज उनसे दूसरी बीमारी की दवा मांगता है तो वो तुरंत एक्सपर्ट डाक्टर से सलाह करके उस तक वह दवाई पहुंचाती हैं। अगर दवाई न पहुंचा सकी तो उसके पैसे मरीज तक पहुंचा देती हैं, ताकि वह दवाई ले सके। इसके अलावा घर में खाना बनाकर भी मरीज और जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा रही हैं। उनका कहना है कि मुश्किल घड़ी है। सबको एकजुट होकर मदद के लिए आगे आने की जरूरत है। बीमारी है चली जाएगी। डर कर नहीं बल्कि डटकर इसका सामना करें।
कोरोना के कारण कोई भूखा न सोए : शम्मा गुप्ता
कोरोना से जंग लड़ रहे मरीजों की मदद के लिए शहर की बहुत सारी महिलाएं आगे आई हैं। शम्मा गुप्ता भी उन्हीं में से एक हैं, जो रोजाना घर का बना हुआ ताजा और पौष्टिक खाना बनाकर कोरोना मरीजों और उनके परिवारों तक निश्शुल्क पहुंचा रही हैं। जब भी लोगों के उनके पास खाने के लिए फोन आते हैं तो उसी समय खाना बनवा कर उनके पास भिजवाती हैं।
दरअसल, शम्मा के घर के सामने एक परिवार कोरोना की चपेट में आया तो उनके बच्चों को देखकर बहुत तरस आया कि अब इनका क्या होगा। वह उनके लिए अपने घर से खाना बनाकर भेजने लगी। फिर इन्हें कोविड किचन सेवा के बारे में पता चला तो उनके साथ जुड़ गई। इस टीम की सभी महिलाएं मिलकर लोगों की सेवा में लगी हुई हैं। ये अब तक 25 से भी अधिक लोगों तक खाना पहुंचा चुकी हैं। इस काम में उनके बच्चे भी पूरा साथ दे रहे हैं। खाने में रोटी, सब्जी, दाल, चावल और सलाद डिस्पोजेबल बर्तन में पैक करके भेजती हैं। इसके लिए यह किसी की मदद नहीं ले रही हैं। खाने का पूरा खर्च खुद कर रही हैं। खाना मरीज तक जाना है, इसलिए खाना बनाने से लेकर उसे पैक करने तक में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखती हैं। इनका कहना है कि संकटकाल में हमें एक दूसरे की जरूरत है। कभी-कभी वह खुद खाना पहुंचाने गाड़ी में जाती हैं तो कभी अपने ड्राइवर से भिजवाती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश यही है कि कोरोना की वजह से कोई भी भूखा न सोए। आज अगर मैं किसी के दुख में उनका साथ दूंगी तो आगे जाकर अगर मुझे जरूरत पड़ी तो वह भी मेरे साथ खड़ा होगा। मुझे यह काम करके बहुत सुकून मिलता है।