विद्यार्थियों के लिए फिर खुलेंगे गुरु गोबिद सिंह सरकारी कालेज के दरवाजे
तीन साल से बदहाली झेल रहा गुरु गोबिद सिंह सरकारी कालेज अब फिर से ज्ञान के दीप जलाने के लिए खुलेगा।
जागरण संवाददाता, जालंधर : तीन साल से बदहाली झेल रहा गुरु गोबिद सिंह सरकारी कालेज अब फिर से ज्ञान के दीप जलाने के लिए खुलेगा। कक्षाओं के दरवाजों पर लगे ताले फिर से विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे। 1967 से चला आ रहा यह कालेज 2019 से दाखिले न हो पाने की वजह से बंद हो गया था, जिसे बचाने के लिए सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर इसे जीएनडीयू को सौंप दिया है। जालंधर से 20 किलोमीटर की दूरी पर नौ एकड़ में बने इस कैंपस को बचाने व शिक्षा से गुलजार करने का गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अपने कैंपस के रूप में उस चलाएगी।
कालेज का स्टाफ निरंतर तबादला लेकर जाता गया, जिसका असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ता रहा। नतीजन, दो से अढाई हजार स्ट्रेंथ वाले इस कालेज में 2011 में विद्यार्थी 500 रह गए। 2017 में संख्या 150 व 2018 में 20 रह गई। 2019 में कोई भी विद्यार्थी दाखिला लेने नहीं आया। हालात देख सांसद संतोख सिंह चौधरी मौका मुआयना करने के लिए पहुंचे थे और उन्होंने भी कालेज को बचाने के लिए सरकार के सामने बात रखने का आश्वासन दिया था। इसके बाद अब जाकर कैबिनेट में प्रस्ताव पास हुआ और कालेज के फिर से जल्द खुलने की उम्मीद जाग पड़ी है। 2012 में इस कालेज में आईटी लैब बनाई गई थी और लाईब्रेरी में 10 हजार से अधिक किताबें, फुटबाल व, हाकी, बास्केटबाल ग्राउंड आदि की सुविधाएं पहले से ही हैं। कैंट के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन रजिदरपाल सिंह राणा रंधावा बताते हैं कि सरकार की तरफ से कालेज को बचाने के लिए रखा गया प्रस्ताव पास हो गया है। जीएनडीयू की तरफ से इस ेअपने अधीन लिए जाने की वजह से शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा और इससे कैंट हलके के विद्यार्थियों को बहुत बढ़ी राहत मिलेगी।