इमरजेंसी में तड़पते रहे मरीज, डाक्टर बरामदे में धरने पर बैठे रहे
सिविल अस्पताल में मरीज इलाज करवाने के लिए इमरजेंसी में डाक्टरों का इंतजार करते रहे और डाक्टर सिविल सर्जन दफ्तर में मांगों को लेकर सरकार कि खिलाफ नारेबाजी करने में व्यस्त रहे।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सिविल अस्पताल में मरीज इलाज करवाने के लिए इमरजेंसी में डाक्टरों का इंतजार करते रहे और डाक्टर सिविल सर्जन दफ्तर में मांगों को लेकर सरकार कि खिलाफ नारेबाजी करने में व्यस्त रहे। बुधवार को भी सरकारी डाक्टरों ने सिविल सर्जन दफ्तर का घेराव कर तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रखा। 29 जून से चल रही हड़ताल का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। ईएसआई अस्पताल और सिविल अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ा। हालांकि नई सरकारी सर्विस मिलने के बाद मेडिकल करवाने के लिए आए उम्मीदवारों को थोड़ी राहत मिली। लैब में उनके टेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ईएसआई अस्पताल में प्रसव के मामले में आए मरीज के परिजन सुखदेव ने कहा कि पिछले तीन-चार दिन से चक्कर काट रहे है किसी भी डाक्टर ने मरीज की छुट्टी का फार्म नहीं भरा। सिर्फ नर्सिंग छात्राएं उन्हें प्राथमिकी सहायता दे रही है।
डाक्टरों ने सिविल सर्जन दफ्तर को ताला लगा कर बरामदे में ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। डाक्टरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। डाक्टर प्रदीप शर्मा ने कहा कि वीरवार से हर जिले से 5-10 डाक्टर चंडीगढ़ जाएंगे और वहां डायरेक्टर आफिस का घेराव करेंगे।