डाक्टरों ने पहले दिया धरना, फिर निकाली रैली
पिछले 18 दिनों से हड़ताल पर चले रहे डाक्टरों ने वीरवार को धरना दिया।
जागरण संवाददाता, जालंधर
सरकारी अस्पतालों में मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं न मिलने की वजह से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 18 दिन से ओपीडी न चलने की वजह से सरकारी अस्पतालों में ज्यादातर इमरजेंसी सेवाएं लेने वाले लोग ही आ रहे हैं। वीरवार को डाक्टरों ने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करने के लिए पहले ईएसआइ अस्पताल में धरना दिया और उसके बाद रैली निकाली। इसके बाद डाक्टरों ने सिविल सर्जन आफिस में प्रदर्शन किया। मौके पर सिविल सर्जन डा. बलवंत सिंह भी पहुंचे और उन्होंने डाक्टरों की मांगों को जायज ठहराया। डाक्टरों ने सरकार की ओर से मिलने वाले कोरोना वारियर्स के अवार्ड भी मांगें पूरी होने के बाद ही स्वीकार करने की बात कही।
वीरवार को सुबह बारिश की वजह से सिविल अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा। दोपहर को मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन उन्हें ओपीडी बंद होने की वजह से निराश होना पड़ा। इमरजेंसी वार्ड में लंबी लाइनें लगी रहीं। हालांकि नई सरकारी सर्विस ज्वाइन करने वालों को मेडिकल करवाने में राहत मिली है। हालांकि रोष रैली की वजह से मेडिकल करवाने वाले लोगों को परेशानी भी हुई। उन्हें डाक्टरों से मेडिकल करवाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ा। सिविल अस्पताल में 175 लोगों ने पर्ची बनवा कर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लिया। इनमें जच्चा-बच्चा, कुत्ता काटने और अन्य इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं लेने वाले मरीज शामिल हैं। इस मौके पर प्रधान प्रदीप शर्मा, डा. गुरप्रीत कौर, डा. अरुण वर्मा, डा. कामराज, डा. हरप्रीत सिंह, डा. साहिल विकास, डा. हरकीरत सिंह, डा. वीरइंद्र सिंह, डा. गुरमीत लाल, डा. अशोक थापर, डा. अभिषेक सच्चर, डा. सतिदर कौर, डा. गुरमीत लाल, डा. नरेश बाठला, डा. ममता, डा. जसमिदर कौर, डा. बिदु, डा. वजिदर सिंह, डा. मुकेश वर्मा, डा. दलजीत सिंह, डा. भूपिदर सिंह व अन्य मौजूद थे।